लोकसभा चुनाव: दिल्ली में राजनीतिक पार्टियों ने सीलिंग को बनाया चुनावी मुद्दा, जानिए क्या है व्यापारियों की राय
By भाषा | Published: April 30, 2019 05:17 PM2019-04-30T17:17:13+5:302019-04-30T17:17:13+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: राष्ट्रीय राजधानी में 12 मई को चुनाव होना है और आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इस अभियान को समाप्त करने का वादा किया है।
राजधानी दिल्ली के विभिन्न बाजारों में सीलिंग अभियान से प्रभावित व्यापारियों की पीड़ा को देखते हुए जहां राजनीतिक दल इसे एक मुख्य चुनावी मसला बनाने जा रहे हैं वहीं व्यापारियों के एक धड़े का कहना है कि उनके लिए यह कोई चुनावी मुद्दा नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी में 12 मई को चुनाव होना है और आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इस अभियान को समाप्त करने का वादा किया है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के आदेशानुसार, भाजपा नीत नगर निगम दिसंबर 2017 से ही सीलिंग अभियान चला रहे हैं। हालांकि, स्थानीय आटोमोबाइल पार्ट विक्रेता मनोज गर्ग चुनाव के इन वादों को लेकर बिल्कुल भी उत्साहित नहीं हैं।
जानिए क्या है व्यापारियों का कहना
सीलिंग अभियान के दौरान मनोज बहुत अधिक प्रभावित हुए थे । कश्मीरी गेट इलाके में स्थित दुकान की छत के एक हिस्से को ढहाये जाने के बाद उसमें हुई मरम्मत को दिखाते हुए गर्ग ने कहा, ‘‘हां, सीलिंग अभियान के दौरान मुझे समस्या हुई ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मेरे लिए सीलिंग कोई मुद्दा नहीं है। राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे बड़ा मसला है और मैं इसी आधार पर मतदान करूंगा ।’’ गर्ग ने कहा कि आटोमोबाइल मार्केट में कई व्यापारी इस तरह की राय रखते हैं ।
सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने सहमति जतायी कि सीलिंग अभियान से लाखों व्यापारियों ने दर्द महसूस किया है, लेकिन उन्होंने दावा किया उनमें से कुछ इस चुनाव में ‘‘सीलिंग के मुद्दे’’ की तुलना में ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा’’ के मसले को अधिक तवज्जो दे रहे हैं । दिल्ली पेपर मर्चेंट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि सीलिंग अभियान ने ‘‘वास्तव में व्यापारियों की कमर तोड़ी है और इससे निराशा पैदा होना लाजिमी है क्योंकि यह आजीविका का मामला है।’’