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लोकसभा चुनावः तेलंगाना में कांग्रेस के लिए तो उम्मीदें, लेकिन बीजेपी की राह आसान नहीं है?

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: March 1, 2019 15:18 IST

पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो साफ है कि तेलंगाना में कांग्रेस के लिए तो उम्मीदें हैं, लेकिन बीजेपी की राह आसान नहीं है?

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ठळक मुद्देकेन्द्र में टीआरएस और एआईएमआईएम की कोई बड़ी भूमिका नहीं है, लिहाजा विस चुनाव के सापेक्ष कांग्रेस का वोट बढ़ सकता है.कांग्रेस यदि मोहम्मद अजहरूद्दीन को ओवैसी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारने में सफल रहती है तो ओवैसी की मुश्किलें जरूर बढ़ जाएंगी.

तेलंगाना विधानसभा चुनाव में 88 सीटों पर जीत के साथ टीआरएस को स्पष्ट बहुमत मिला था, जबकि कांग्रेस ने 19 सीटें जीतीं थी, ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 7 सीटें मिली थी और शेष के खाते में 5 सीटें गई थी. बीजेपी को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा था! राजनीतिक जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में थोड़ी सियासी तस्वीर बदल सकती है, क्योंकि केन्द्र में टीआरएस और एआईएमआईएम की कोई बड़ी भूमिका नहीं है, लिहाजा विस चुनाव के सापेक्ष कांग्रेस का वोट बढ़ सकता है.

तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की सियासी घेराबंदी करने की कोशिश कर रही है और इसके लिए हैदराबाद लोकसभा सीट पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरूद्दीन चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी है. दरअसल, प्रदेश कांग्रेस ने तेलंगाना की सभी 17 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है और बताया जा रहा है कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन हैदराबाद लोकसभा सीट के लिए प्रदेश कांग्रेस की पहली पसंद हैं. याद रहे, क्रिकेटर से राजनेता बने हैदराबाद निवासी मोहम्मद अजहरूद्दीन को तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी प्रमुख बनाया गया था. 

हैदराबाद एआईएमआईएम का गढ़ है, जिसका प्रतिनिधित्व लगातार तीन बार से असदुद्दीन ओवैसी कर रहे हैं. कांग्रेस को कामयाबी के लिए उनकी सियासी घेराबंदी करने की जरूरत है और इसीलिए ओवैसी के खिलाफ लोकप्रिय सशक्त उम्मीदवार की तलाश की जा रही थी. ओवैसी के खिलाफ मोहम्मद अजहरूद्दीन लोकप्रिय और सशक्त उम्मीदवार साबित हो सकते हैं. लोस चुनाव में हार-जीत तो बाद की बात है, लेकिन कांग्रेस यदि मोहम्मद अजहरूद्दीन को ओवैसी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारने में सफल रहती है तो ओवैसी की मुश्किलें जरूर बढ़ जाएंगी. 

विधानसभा चुनाव से ही टीआरएस और एआईएमआईएम, साथ-साथ रहे हैं, इसलिए सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति पहले ही यह साफ कर चुकी है कि वह हैदराबाद सीट पर ओवैसी का समर्थन करेगी. मोहम्मद अजहरूद्दीन वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से जीते थे, परन्तु वर्ष 2014 में वे टोंक-सवाई माधोपुर, राजस्थान लोस सीट से चुनाव हार गए थे. सियासी संकेत यही हैं कि विधानसभा चुनाव में भले ही तेलंगाना में कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई हो, परन्तु लोस चुनाव में कांग्रेस के लिए अच्छी संभावनाएं हैं, यदि वह टीआरएस और एआईएमआईएम, को घेरने में कामयाब हो जाती है.

टॅग्स :लोकसभा चुनावतेलंगानाभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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