Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले संगठन में बड़ा बदलाव, दूसरे दल से आए नेताओं पर भाजपा का दांव!, जानें आखिर क्या है समीकरण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 5, 2023 03:18 PM2023-07-05T15:18:09+5:302023-07-05T15:23:14+5:30

Lok Sabha Elections 2024: तेलंगाना में पांव पसराने के प्रयासों में जुटी भाजपा ने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी पर भरोसा जताया है और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।

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Highlightsबाबू लाल मरांडी पर विश्वास जताते हुए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल होने वाले सुनील जाखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।बलराम जाखड़ के बेटे, सुनील जाखड़ पंजाब की सिख बहुल राजनीति में एक प्रमुख हिन्दू नेता माने जाते हैं।

Lok Sabha Elections 2024: आगामी लोकसभा और कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को चार राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष बदलते हुए सांगठनिक बदलावों को अंजाम दिया। इनमें से दो राज्यों में पार्टी ने पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है जबकि अपेक्षाकृत कमजोर आधार वाले दो राज्यों में दूसरे दलों से आए नेताओं को तव्वजों दी।

इसमें जातीय समीकरणों का भी ध्यान रखा गया है। लंबे समय से तेलंगाना में पांव पसराने के प्रयासों में जुटी भाजपा ने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी पर भरोसा जताया है और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। इसी प्रकार, झारखंड में पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबू लाल मरांडी पर विश्वास जताते हुए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।

पंजाब में शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद अपने दम पर संगठन को मजबूत करने में जुटी भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल होने वाले सुनील जाखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ के बेटे, सुनील जाखड़ पंजाब की सिख बहुल राजनीति में एक प्रमुख हिन्दू नेता माने जाते हैं।

आंध्र प्रदेश में भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री व पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव डी पुरंदेश्वरी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी हैं। वहीं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस का दामन छोड़कर हाल ही में भाजपा में शामिल होने वाले किरन कुमार रेड्डी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य नियुक्त किया गया है।

तेलंगाना में भाजपा ने एक और अहम नियुक्ति की है। यहां की सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से भाजपा में आने वाले पूर्व मंत्री एटेला राजेंद्र को राज्य में चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। तेलंगाना में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रदेश सरकार में छह मंत्री रेड्डी समुदाय से हैं।

तेलंगाना में हुई ये नियुक्तियां राज्य के आगामी चुनावों के मद्देनजर अहम मानी जा रही है। केंद्रीय मंत्री रेड्डी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में बंडी संजय कुमार की जगह लेंगे। पिछड़े समुदाय (मुन्नरकापू) से ताल्लुक रखने कुमार को 2020 में प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। रेड्डी और राजेंद्र की नियुक्ति में जातीय समीकरण का भी खासा ख्याल रखा गया है।

किशन रेड्डी जहां सर्वण हैं, वहीं राजेंद्र ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में रेड्डी की नियुक्ति के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के एक नेता ने कहा कि उनकी छवि हर जाति में स्वीकार्यता वाले नेता की है। उन्होंने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि रेड्डी और राजेंद्र की नियुक्ति से भाजपा की समाज के हर वर्ग में पहुंच सुनिश्चित होगी।

भाजपा ने 2020 में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम और हुजुराबाद एवं दुब्बाका निर्वाचन क्षेत्रों के उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। पार्टी ने 2019 के लोक सभा चुनाव में तेलंगाना में चार सीटों पर जीत हासिल की थी। ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि नयी नियुक्तियों से पार्टी के अभियान को राज्य में और बल मिलेगा।

रेड्डी संयुक्त आंध्र प्रदेश में राज्य में भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं वह 2002 से 2005 के बीच भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। झारखंड में मरांडी की नियुक्ति को भी अहम माना जा रहा है क्योंकि वह जनजातीय समुदाय से आते हैं और राज्य में इसी समुदाय की हितैषी होने का दावा करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा सत्तारूढ़ है।

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे मरांडी के अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद पार्टी नेताओं से मतभेद हो गए थे। इसके बाद उन्होंने 2006 में अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का गठन कर लिया था। वर्ष 2020 में उन्होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया था। मरांडी झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र से आते हैं और पहले भी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

आंध्र प्रदेश में डी पुरंदेश्वरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्होंने सोमू वीराजू की जगह ली है। पुरंदेश्वरी को ऐसे समय में प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी गई है जब केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी और वहां की प्रमुख विपक्षी पार्टी तेलूगु देशम पार्टी (तेदेपा) के बीच गठबंधन की चर्चा जोरों पर है।

पुरंदेश्वरी तेदेपा के संस्थापक व आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन टी रामाराव की बेटी हैं। तेदेपा के वर्तमान अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू स्वर्गीय रामाराव के दामाद हैं। पूर्व मुख्यमंत्री किरन रेड्डी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाकर भाजपा ने आंध्र प्रदेश के रेड्डी समुदाय को भी संदेश देने का काम किया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी हैं।

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