लोकसभा चुनाव: ऐसे होती है वोटों की गिनती, जानें पूरा प्रॉसेस
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: May 22, 2019 07:17 PM2019-05-22T19:17:50+5:302019-05-22T19:17:50+5:30
Lok Sabha Elections 2019 Results: स्ट्रॉन्ग रूम में जगह सुनिश्चित कर काउंटिंग टेबल लगाई जाती हैं। करीब 14 काउंटिंग टेबल होती हैं जिन पर एक बार में इतनी ही ईवीएम को रखा जाता है। सबसे पहले ईवीएम की सील को जांचा जाता है। यह सुनिश्चित करने कि मशीन की सुरक्षा के साथ कोई छेड़खानी नहीं हुई है, उसे ऑपरेट करने की प्रक्रिया शुरू होती है।
Lok Sabha Elections 2019 Results: लोकसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के साथ ही सभी ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को सुरक्षित रखने के लिए उनके लिए बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम में उन्हें ले जाया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नतीजे घोषित होने वाले दिन सुबह करीब सात-आठ बजे वोटों की गिनती की प्रक्रिया शुरू होती है। सबसे पहले पोस्टल बैलट पेपर से डाले गए वोटों की गिनती शुरू होती है और उसके करीब आधा घंटे बाद ईवीएम से गिनती शुरू की जाती है।
स्ट्रॉन्ग रूम में जगह सुनिश्चित कर काउंटिंग टेबल लगाई जाती हैं। करीब 14 काउंटिंग टेबल होती हैं जिन पर एक बार में इतनी ही ईवीएम को रखा जाता है। सबसे पहले ईवीएम की सील को जांचा जाता है। यह सुनिश्चित करने कि मशीन की सुरक्षा के साथ कोई छेड़खानी नहीं हुई है, उसे ऑपरेट करने की प्रक्रिया शुरू होती है।
मौके पर मौजूद काउंटिंग सुपरवाइजर काउंटिंग एजेंट को मशीन ऑपरेट करने का निर्देश देता है। काउंटिंग एजेंट रिजल्ट वाला बटन दबाता है और फिर उम्मीदवार को पड़े वोटों के नतीजे डिस्प्ले होने लगते हैं। VVPAT से वोटों की गिनती का मिलान भी किया जाता है।
रिजल्ट के आंकड़ों को रिटर्निंग अधिकारी को सौंपा जाता है और फिर नतीजे चुनाव के सर्वर पर डाले जाते हैं।
पहले चरण के वोटों की गिनती के बाद ईवीएम को फिर से सील किया जाता है। पहले चरण की काउंटिंग के बाद चुनाव अधिकारी दो मिनट ठहरते हैं। इस दौरान अगर किसी उम्मीदवार को कोई संदेह हो तो वह दो मिनट के भीतर आपत्ति जाहिर कर सकता है और फिर से वोटों की गिनती की मांग रख सकता है। हालांकि, चुनाव अधिकारी फैसला लेता है फिर से गिनती हो या नहीं।
बता दें कि वोटों की गिनती के दौरान चुनाव अधिकारी, काउंटिंग सुपरवाइजर और एजेंट, उम्मीदवार या उनके एजेंट, ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी और अन्य अधिकारी मौजूद रहते हैं। चुनाव अधिकारी यह जब पूरी तरह सुनिश्चित कर लेता है कि वोटों की गिनती में कोई कोताही नहीं बरती गई तो फिर नतीजे घोषित किए जाते हैं।
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