लोकसभा चुनाव 2019: गुजरात में मुसलमानों की सियासी हिस्सेदारी का सवाल, बीजेपी-कांग्रेस दोनों से दरिकनार

By महेश खरे | Published: May 19, 2019 08:34 AM2019-05-19T08:34:47+5:302019-05-19T08:34:47+5:30

अगर सियासी तौर पर राज्य में मुसलमानों की हिस्सेदारी की बात करें तो संसद और विधानसभाओं के चुनाव में मुसलमानों को कम ही अवसर मिले हैं.

Lok Sabha Elections 2019: question of Gujarat Muslims political equation | लोकसभा चुनाव 2019: गुजरात में मुसलमानों की सियासी हिस्सेदारी का सवाल, बीजेपी-कांग्रेस दोनों से दरिकनार

फाइल फोटो

भाजपा ने कांग्रेस से लगभग 22 साल पहले जबसे सत्ता छीनी है तब से गुजरात के मुसलमानों की स्थिति में काफी बदलाव आया है. अगर सियासी तौर पर राज्य में मुसलमानों की हिस्सेदारी की बात करें तो संसद और विधानसभाओं के चुनाव में मुसलमानों को कम ही अवसर मिले हैं. हां, स्थानीय संस्थाओं और पंचायतों में इस समुदाय की अच्छी भागीदारी रही है. लोकसभा चुनाव में मुसलमानों को इस बार गुजरात की दोनों सियासी पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने ना के बराबर तरजीह दी. कांग्रेस ने 26 सीटों में से सिर्फ एक सीट भरूच पर मुस्लिम प्रत्याशी को मौका दिया है. भाजपा ने तो एक भी मुसलमान को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया है.

भाजपा के साथ कितने मुस्लिम गुजरात का मुसलमान भाजपा के साथ कितना है? इस सवाल का जवाब यह है कि विधानसभा की मुस्लिम बहुल 34 सीटों में से 21 सीटें भाजपा ने जीत कर नए वोट बैंक में अपनी हिस्सेदारी दर्ज करा दी. पिछले चुनाव में भाजपा ने मुस्लिम कोटे से एक भी प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा, जबकि कांग्रेस ने छह मुस्लिम चेहरों को अपना प्रत्याशी बनाया. भाजपा ने तो जैसे अघोषित रणनीति बना रखी है. वह यह कि स्थानीय संस्थाओं व पंचायतों में परप्रांतीय और मुस्लिमों को जगह मिलेगी.

गुजरात में भाजपा के 200 से अधिक नगर पार्षद मुस्लिम हैं. इनमें एक सौ के लगभग तो चेयरमैन हैं. कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी 2012 ही वो वर्ष था जब कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक में भाजपा ने सेंधमारी की. भाजपा ने मुस्लिम बहुल सीटों में चुनावी सफलता दर्ज की. यह क्र म 2017 तक जारी रहा. पिछले चुनाव तक 20 प्रतिशत के लगभग मुसलमान भाजपा का वोट बैंक बन गए. विधानसभा की 34 के लगभग सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोट निर्णायक हैं.

कांग्रेस ने इनमें से आठ पर जीत दर्ज की तो 21 सीटें भाजपा के खाते में हैं. ये सीटें कच्छ, अहमदाबाद और दक्षिण गुजरात में हैं. 2012 में दो मुस्लिम विधायक गुजरात विधानसभा में 2012 के चुनाव में मुस्लिम समाज के दो विधायक सदन में पहुंचे थे. उसके बाद मुस्लिम चेहरों ने चुनावी मैदान में भाग्य तो आजमाया लेकिन वे निर्वाचित नहीं हो सके. वहीं गुजरात विधानसभा में सर्वाधिक 12 मुस्लिम विधायक चुने जाने का रिकॉर्ड 1980 के चुनाव में बना.

Web Title: Lok Sabha Elections 2019: question of Gujarat Muslims political equation



Keep yourself updated with updates on tags">टॅग्स :"Gujarat Loksabha Elections 2019, phases, constituencies, candidates on www.lokmatnews.in/elections/lok-sabha-elections/gujarat.