लोकसभा चुनाव 2019: हरियाणा में चौटाला परिवार में फूट का फायदा उठाएगी कांग्रेस, मुश्किल में BJP
By निखिल वर्मा | Published: May 11, 2019 11:09 AM2019-05-11T11:09:13+5:302019-05-11T11:09:13+5:30
कांग्रेस ने सोनीपत से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अंबाला से पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, सिरसा से प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर, रोहतक से वर्तमान सांसद दीपेंद्र हुड्डा और कुरुक्षेत्र से पूर्व मंत्री निर्मल सिंह को उतारा है।
लोकसभा चुनाव 2019 में हरियाणा में कांग्रेस 2004-2009 के प्रदर्शन को दोहराने की पुरजोर कोशिश कर रही है, जब उसे 10 में नौ सीटें मिली थी। लोकसभा चुनाव 2014 में पार्टी को मोदी लहर में सिर्फ एक सीट पर संतोष करना पड़ा था और कुछ महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस ने दिग्गजों को उतारा
दिल्ली की तरह ही हरियाणा की 10 सीटों पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने सभी पुराने नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है। सोनीपत से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अंबाला से पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, सिरसा से प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर, रोहतक से वर्तमान सांसद दीपेंद्र हुड्डा और कुरुक्षेत्र से पूर्व मंत्री निर्मल सिंह मुख्य लड़ाई में हैं। कांग्रेस इन सीटों पर जीत की उम्मीद लगाई बैठी है।
चौटाला परिवार में फूट का दिखेगा असर
इंडियन नेशनल लोकदल में हुए पारिवारिक झगड़े के बाद ओमप्रकाश चौटाला के दूसरे बेटे अजय चौटाला ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नाम से अलग पार्टी बना ली है। पहले कांग्रेस-जेजेपी-आप के मिलकर चुनाव लड़ने की बात चल रही थी। लेकिन गठबंधन नहीं हुआ, अब जेजेपी और आम आदमी पार्टी साथ मिलकर लड़ रही है। अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला हिसार से जबकि दूसरे बेटे दिग्विजय सिंह चौटाला सोनीपत से लड़ रहे हैं।
वहीं देवीलाल परिवार की चौथी पीढ़ी से एक और नेता अर्जुन सिंह चौटाला इनेलो की टिकट पर कुरुक्षेत्र से चुनावी मैदान में है। लोकसभा चुनाव 2014 में इनेलो ने सिरसा और हिसार में जीत हासिल की थी। विधानसभा में इनेलो 19 सीटें लेकर दूसरे नंबर रही थी। इनेलो का मुख्य वोटबैंक जाट समुदाय है, परिवार में फूट के चलते जाट वोटों का बिखराव संभव है। इसी का फायदा कांग्रेस और हुड्डा परिवार उठाने की जुगत में है।
प्रदेश कांग्रेस महासचिव सुरेश यूनिसपुर कहते हैं, मोदी सरकार की नीतियों से किसान त्रस्त हैं। हरियाणा में इस बार बीजेपी के खिलाफ किसानों में गुस्सा है। वहीं जाट वोटर्स एक बार फिर कांग्रेस की ओर लौट रहे हैं। हमारी पार्टी 2009 की सफलता दोहराने के लिए तैयार है।
शहरी सीटों पर बीजेपी का असर
गुड़गांव और फरीदाबाद जैसी सीटों पर बीजेपी मजबूत दिख रही है। गुड़गांव में राव इंद्रजीत सिंह और फरीदाबाद में कृष्ण पाल गुर्जर दोबारा बीजेपी की टिकट पर लड़ रहे हैं। दोनों वर्तमान सांसद हैं। इसके अलावा हिसार-करनाल में बीजेपी जीत की संभावनाएं देख रही है। इन सीटों पर बीजेपी ने पिछली बार जीत हासिल की थी।