लोकसभा चुनाव 2019ः उत्तर प्रदेश में भाजपा की राह में बड़े रोड़े, 2014 दोहराने की चुनौती!

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: March 10, 2019 10:01 IST2019-03-10T10:01:49+5:302019-03-10T10:01:49+5:30

भाजपा के लिए 2014 दोहराने की चुनौती है, तो सपा-बसपा गठबंधन के लिए बड़ा सवाल लेकर आ रहे हैं कि क्या कामयाबी मिल पाएगी?

Lok Sabha Elections 2019: BJP's challenge to repeat 2014 in Uttar Pradesh | लोकसभा चुनाव 2019ः उत्तर प्रदेश में भाजपा की राह में बड़े रोड़े, 2014 दोहराने की चुनौती!

लोकसभा चुनाव 2019ः उत्तर प्रदेश में भाजपा की राह में बड़े रोड़े, 2014 दोहराने की चुनौती!

Highlightsलोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 15 उम्मीदवारों की घोषणा करके यह संकेत दे दिए हैं कि वह 2009 की तरह गठबंधन की संभावनाओं के लिए समय बर्बाद नहीं करेगीभाजपा के लिए 2014 दोहराने की चुनौती बने हैं, तो सपा-बसपा गठबंधन के लिए बड़ा सवाल लेकर आ रहे हैं कि क्या कामयाबी मिल पाएगी?

केंद्र की सत्ता के लिए यूपी सबसे महत्वपूर्ण राज्य है, जहां लोक सभा की सबसे ज्यादा सीटें हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी का सियासी समीकरण बेहद उलझा हुआ है. अब तक के राजनीतिक बदलाव कई संकेत दे रहे हैं. इस बार के चुनाव जहां कांग्रेस के लिए 2009 जैसी उम्मीद जगा रहे हैं, भाजपा के लिए 2014 दोहराने की चुनौती बने हैं, तो सपा-बसपा गठबंधन के लिए बड़ा सवाल लेकर आ रहे हैं कि क्या कामयाबी मिल पाएगी?

लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 15 उम्मीदवारों की घोषणा करके यह संकेत दे दिए हैं कि वह 2009 की तरह गठबंधन की संभावनाओं के लिए समय बर्बाद नहीं करेगी. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस अगर सपा-बसपा गठबंधन से अलग चुनाव लड़ती है, तो इससे कांग्रेस को कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा, लेकिन सपा-बसपा गठबंधन की बड़ी कामयाबी की उम्मीदों पर प्रश्नचिन्ह जरूर लग जाएगा.

यूपी वर्ष 2014 में कुल 80 लोक सभा सीट के लिए लोकसभा चुनाव हुए. परिणाम इस प्रकार रहे- सपा ने 78 सीटों पर चुनाव लड़ा, 5 सीटें जीती और 22.20 प्रतिशत वोट मिले, बसपा ने 80 सीटों पर चुनाव लड़ा, 0 सीटें जीती और 19.60 प्रतिशत वोट मिले, भाजपा ने 78 सीटों पर चुनाव लड़ा, 71 सीटें जीती और 43.30 प्रतिशत वोट मिले, तो कांग्रेस ने 66 सीटों पर चुनाव लड़ा, 2 सीटें जीती और 7.50 प्रतिशत वोट मिले.

साफ है कि 2014 में मतों का सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस और बसपा को हुआ, तो सबसे बड़ा फायदा भाजपा को हुआ था. देखना दिलचस्प होगा कि यूपी में कांग्रेस को 2009 जैसी कामयाबी मिलती है या भाजपा 2019 में 2014 दोहराने में सफल होती है या फिर सपा-बसपा गठबंधन उपचुनावों जैसा सियासी चमत्कार दिखा पाता है! ...तो भाजपा को नहीं मिलेगी उतनी बड़ी सफलता यदि इस बार सपा, बसपा और कांग्रेस एक मंच पर होते हैं तो 2014 जितने वोट लेकर भी भाजपा उतनी बड़ी सफलता हासिल नहीं कर सकती है.

बावजूद इसके, इस बार कांग्रेस के लिए संभावनाएं इसलिए भी ज्यादा हैं कि एक तो भाजपा का नाराज वोट कांग्रेस को मिलेगा, दूसरा- सपा और बसपा के गठबंधन वाली सीटों पर कांग्रेस के पक्ष में क्रॉस वोटिंग रोकना बहुत मुश्किल है, मतलब-जहां सपा उम्मीदवार है, वहां के सारे बसपा वोट सपा को मिलें यह जरूरी नहीं है, ये वोट कांग्रेस को भी मिल सकते हैं. उसी तरह, जहां बसपा उम्मीदवार है, वहां के सारे सपा वोट बसपा को मिलें यह भी जरूरी नहीं है, ऐसी सीटों पर भी कांग्रेस को फायदा हो सकता है. इसलिए जिन सीटों पर 2014 में कांग्रेस दूसरे या तीसरे नंबर पर थी, वहां के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आ सकते हैं.

Web Title: Lok Sabha Elections 2019: BJP's challenge to repeat 2014 in Uttar Pradesh