सुनील जाखड़ ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख पद से दिया इस्तीफा, गुरदासपुर से सनी देओल से मिली थी हार
By विनीत कुमार | Published: May 27, 2019 01:51 PM2019-05-27T13:51:16+5:302019-05-27T14:06:13+5:30
कांग्रेस का प्रदर्शन वैसे दूसरे राज्यों के मुकाबले पंजाब में जरूर बेहतर रहा। पंजाब में 13 लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने 8 पर जीत हासिल की जबकि दो सीट बीजेपी के खाते में गये।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद इस्तीफे की पेशकश की है। सुनील जाखड़ ने पंजाब के गुरदासपुर से चुनाव लड़ा था और उन्हें इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार और पहली बार चुनाव लड़ रहे बॉलीवुड स्टार सनी देओल से हार का सामना करना पड़ा। सनी देओल ने सुनील जाखड़ को 82459 वोटों से हराया।
कांग्रेस का प्रदर्शन वैसे दूसरे राज्यों के मुकाबले पंजाब में जरूर बेहतर रहा। पंजाब में 13 लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने 8 पर जीत हासिल की जबकि दो सीट बीजेपी के खाते में गये। एक सीट शिरोमणी अकली दल और एक पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की।
Punjab Congress Chief Sunil Jakhar offers to resign from his post after he lost elections from Gurdaspur. (File pic) pic.twitter.com/75dFjwzBTw
— ANI (@ANI) May 27, 2019
असम- झारखंड से भी इस्तीफे की खबर
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अजय कुमार ने भी इस्तीफे का प्रस्ताव दिया है। कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव-2019 में झारखंड में केवल एक सीट जीत सकी।
अजय कुमार ने अपना इस्तीफा झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह को भेजा। गौरतलब है कि कांग्रेस की हार के बाद पार्टी पदाधिकारियों के इस्तीफे का दौर जारी है। इससे पहले महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने भी इस्तीफे की पेशकश की थी। डॉक्टर अजय कुमार ने 2014 में कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की थी। इससे पहले वो झारखंड मुक्तिमोर्चा के नेता था।
झारखंड में 14 सीटों में से 11 पर बीजेपी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। गिरिडीह की एक सीट पर भाजपा की सहयोगी आजसू ने जीत दर्ज की है। जबकि सिंहभूम की सीट कांग्रेस ने भाजपा से छीन ली। राजमहल की सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बरकरार रखी।
इससे पहले रविवार को असम कांग्रेस कमिटी के प्रेसिडेंट रिपुण बोरा ने भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। बोरा ने अपने इस्तीफे में लिखा, 'असम में इस करारी हार के जो भी कारण रहे, मेरी चेतना असम पीसीसी के प्रेसिडेंट के तौर पर आगे भी काम करने की इजाजत नहीं दे रही है।'