लोकसभा चुनावः मध्यप्रदेश में तीसरे चरण के चुनाव में इन आठ दिग्गजों के भविष्य का होगा फैसला
By शिवअनुराग पटैरया | Published: May 9, 2019 07:57 AM2019-05-09T07:57:52+5:302019-05-09T07:57:52+5:30
मध्यप्रदेश लोकसभा चुनावः मध्यप्रदेश में तीसरे चरण में जिन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान तीसरे चरण में होने जा रहा है, वहां बहुत ही दिलचस्प मुकाबले हैं. इन क्षेत्रों पर तमाम राजनेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर हैं.
मध्यप्रदेश में तीसरे चरण में 8 लोकसभा क्षेत्रों मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल और राजगढ़ के लिए आगामी 12 मई को मतदान होने जा रहे हैं. तीसरे चरण में जिन दिग्गजों पर दांव लगा है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्जिवय सिंह, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम प्रमुख हैं. मध्यप्रदेश में तीसरे चरण में जिन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान तीसरे चरण में होने जा रहा है, वहां बहुत ही दिलचस्प मुकाबले हैं. इन क्षेत्रों पर तमाम राजनेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर हैं.
भोपाल लोकसभा सीट
भोपाल संसदीय क्षेत्र पिछले तीन दशकों से भाजपा का गढ़ बन गया है. यहां से 1989 के बाद से लगातार भाजपा के प्रत्याशी चुनाव जीत रहे हैं. भाजपा के किले को भेदने के लिए कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा है. वैसे वह खुद राजगढ़ से चुनाव लड़ना चाह रहे थे. भाजपा के द्वारा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद यहां विकास के स्थान पर धर्मिक ध्रुर्वीकरण के आधार पर चुनाव हो रहा है.
मुरैना लोकसभा सीट
मुरैना संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंंह तोमर की प्रतिष्ठा दांव पर है. यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के रामनिवास रावत से है. तोमर इस सीट से 2009 में भी चुनाव जीतकर लोकसभा गए थे लेकिन इस बार मुश्किल इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि भाजपा का ही एक गुट उनका विरोध कर रहा है. वहीं, टिकट कटने से नाराज भाजपा सांसद अनूप मिश्रा घर बैठै हैं. वह पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे हैं.
गुना लोकसभा सीट
गुना में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के प्रत्याशी हैं. यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के के.पी. यादव से है. के.पी. यादव 2 साल पहले उनके प्रतिनिधि हुआ करते थे. बाद में वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए. सिंधिया को इस क्षेत्र में भाजपा को कड़ी चुनौती खड़ी नहीं कर पा रही है. सिंधिया इसलिए भी लाभ की स्थिति में हैं क्योंकि बसपा प्रत्याशी लोेकेंद्र सिंह उनके पक्ष में बैठ गए हैं. बसपा प्रत्याशी लोकेंद्र सिंह के समर्थन में बैठ जाने पर बसपा अध्यक्ष मायावती ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार से वापस लेने की धमकी दी थी. गुना में सिंधिया के समर्थन में उनकी पत्नी प्रियदर्शनी और बेटा अर्यमन मोर्चा संभाले हुए हैं.
ग्वालियर लोकसभा सीट
ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के अशोक सिंह और भाजपा के विवेक शेजवलकर सिंह के बीच मुकाबला है. इस सीट से 2014 में नरेंद्र सिंह तोमर चुने गए थे, लेकिन वह सीट बदलकर मुरैना चले गए इसलिए भाजपा ने ग्वालियर के महापौर विवेक शेजवलकर को अपना प्रत्याशी बनाया. कांगे्रस प्रत्याशी के.पी. सिंह के समर्थन में ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अगर मोर्चा संभाला जाता तो वे अच्छी स्थिति में होते. इसके बाद भी अशोक सिंह पूरी ताकत से चुनौती दे रहे हैं.
भिंड लोकसभा सीट
यहां भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद का टिकट काटकर पूर्व विधायक संध्या राय को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, कांग्रेस ने बसपा से आए देवाशीष जरारिया को अपना प्रत्याशी बनाया है. उन्हें यहां बाहरी प्रत्याशी बताकर भाजपा चुनाव अभियान चल रहा है.
विदिशा लोकसभा सीट
विदिशा संसदीय क्षेत्र लंबे समय से भाजपा के प्रभाव वाला संसदीय क्षेत्र रहा है. इस क्षेत्र से पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी और पूर्वमुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान चुने जा चुके हैं. पिछले दो चुनाव से यहां से सुषमा स्वराज भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीतीं पर इस बार वह चुनाव नहीं लड़ रही हैं. भाजपा ने ब्राह्ममण मतदाताओं की बड़ी संख्या को ध्यान में रखकर रामाकांत भार्गव को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, कांग्रेस ने पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है.
सागर लोकसभा सीट
संसदीय क्षेत्र में भाजपा के राजबहादुर सिंह और कांग्रेस के प्रभुसिंह ठाकुर के बीच मुकाबला है. पिछले चुनाव में यहां से भाजपा के लक्ष्मीनारायण यादव ने चुनाव जीता था, लेकिन वे इस बार टिकट न मिलने से नाराज होकर घर बैठे हैं. उनकी यह नाराजगी भाजपा की मुसीबत बढ़ा रही है.
राजगढ़ लोकसभा सीट
राजगढ़ संसदीय क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का पारंपरिक संसदीय क्षेत्र है. वे यहीं से चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन पार्टी ने उन्होंने भोपाल से उतार दिया. इसके बाद भी यहां उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है. यहां कांग्रेस ने मोना सुस्तानी को अपना प्रत्याशी बताया है, जिनका मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी रोडमल नागर से है. वह 2014 में भी इस क्षेत्र से चुनाव जीते थे.