पश्चिम बंगाल: पांच सीटों पर वोटिंग से पहले शाह का 'दीदी' पर वार, कहा- ममता बनर्जी की स्पष्ट दिख रही बौखलाहट
By रामदीप मिश्रा | Published: April 22, 2019 10:10 AM2019-04-22T10:10:28+5:302019-04-22T10:17:40+5:30
अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बंगाल के मतदाता बिना डरे मतदान करें। बंगाल के अंदर बदलाव बहुत जरूरी है। यहां बीजेपी की प्रचंड लहर चल रही है और घुसपैठियों की समस्या ममता बनर्जी खत्म नहीं कर सकती।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार (22 अप्रैल) को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा और केंद्र की सरकार की उपलब्धियां गिनाई हैं। बता दें, कि पश्चिम बंगाल में 23 अप्रैल को होने वाले तीसरे चरण के चुनाव में पांच सीटों के लिए मतदान कराया जाएगा। इनमें बालूरघाट, मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, जंगीपुर और मुर्शीदाबाद शामिल है।
अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बंगाल के मतदाता बिना डरे मतदान करें। बंगाल के अंदर बदलाव बहुत जरूरी है। यहां बीजेपी की प्रचंड लहर चल रही है और घुसपैठियों की समस्या ममता बनर्जी खत्म नहीं कर सकती। यह काम केवल बीजेपी कर सकती है। बंगाल में दो चरण के चुनाव के बाद ममता बनर्जी की बौखलाहट स्पष्ट दिख रही है। उन्हें अपनी हार दिख रही है और उसी हताशा से वो अब विपक्ष और चुनाव आयोग पर सवाल उठा रही हैं।
उन्होंने कहा कि सभी लोकतांत्रिक हितों को बंगाल में दफन करने वाली ममता दीदी आज लोकतंत्र की बात कर रही हैं। बंगाल में वोटबैंक की तुष्टिकरण की राजनीति ने यहां की संस्कृति को नष्ट करने का काम किया है। पुलिस और ब्यूरोक्रेसी ने अपना रोल छोड़कर राजनेताओं का रोल ले लिया है। राजनेता मौन हैं, बाबू शाही बंगाल के लोकतंत्र को हड़प कर गई।
शाह ने कहा कि नारदा, शारदा और सिंडिकेट राज ने बंगाल के अंदर भष्टाचार का माहौल खड़ा किया है। जिससे बंगाल की जनता त्रस्त है। हमारी रैली को बंगाल में अनुमति न देने वाली ममता दीदी की रैलियों को आज जनता अनुमति नहीं दे रही। उनकी रैलियों में भीड़ नहीं उमड़ रही है। जिस योजना से देश के 50 करोड़ गरीबों के इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक का खर्चा नरेंद्र मोदी सरकार उठा रही है। उस आयुष्मान भारत योजना से बंगाल की जनता को ममता दीदी ने दूर रखा है।
उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ पिछले पांच साल में जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया है। हमारे संकल्प पत्र में हमने इस नीति को और आगे बढ़ाने का संकल्प किया है लेकिन विपक्षी पार्टियां देश की सुरक्षा के अहम मुद्दे पर चुप दिखाई देती हैं।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 75 साल जब होंगे यानी 2022 तक देश में एक भी व्यक्ति, एक भी परिवार ऐसा नहीं होगा जिसके पास घर, बिजली, गैस, पीने का पानी, शौचालय न हो और एक भी परिवार ऐसा नहीं होगा जिसके पास स्वास्थ्य की सुरक्षा न हो। बंगाल के वोटरों से कहा चाहूंगा की डरने की जरूरत नहीं है। पूरा गांव एक साथ वोट डालने जाए, आपकी सुरक्षा के लिए सीआपीएफ और बीजेपी के कार्यकर्ता लोकतंत्र के प्रहरी बनकर खड़े हैं।