वाराणसी लोकसभा सीट की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में, उम्मीदवारी रद्द होने पर तेजबहादुर ने लगाई याचिका, भूषण रखेंगे पक्ष
By सतीश कुमार सिंह | Published: May 6, 2019 02:46 PM2019-05-06T14:46:12+5:302019-05-06T14:46:12+5:30
तेज बहादुर यादव ने जवानों को दिए जाने वाले भोजन के बारे में शिकायत करते हुए एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया था जिसके बाद 2017 में उसे बल से से बर्खास्त कर दिया गया था। सपा ने तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया था।
सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने सोमवार को निर्वाचन आयोग के उस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जिसमें वाराणसी लोकसभा सीट से उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई थी। वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में तेज बहादुर यादव के मामले को वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण रखने जा रहे हैं।
तेज बहादुर यादव ने जवानों को दिए जाने वाले भोजन के बारे में शिकायत करते हुए एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया था जिसके बाद 2017 में उसे बल से से बर्खास्त कर दिया गया था। सपा ने तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया था। बहरहाल, निर्वाचन अधिकारी ने यादव का नामांकन पत्र यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसने वह प्रमाणपत्र जमा नहीं किया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया हो कि उसने भ्रष्टाचार या विश्वासघात की वजह से बर्खास्त नहीं किया गया।
तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि आयोग का निर्णय भेदभावपूर्ण और अतार्किक है तथा इसे खारिज किया जाना चाहिए। सपा ने शुरू में मोदी के खिलाफ शालिनी यादव को टिकट दिया था, लेकिन बाद में उसने प्रत्याशी बदल कर, बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया।
Dismissed BSF jawan Tej Bahadur Yadav approaches Supreme Court challenging rejection of his nomination as Samajwadi Party candidate from Varanasi Lok Sabha Constituency. Advocate Prashant Bhushan is appearing for Yadav (file pic) pic.twitter.com/Wr5x1zqZh7
— ANI (@ANI) May 6, 2019
समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द कर दिया गया था। तेज बहादुर यादव ने पहले निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल किया था। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। समाजवादी पार्टी ने पहले शालिनी यादव को टिकट दिया था। तेज बहादुर का पर्चा रद्द होने के बाद अब समाजवादी पार्टी की ओर से शालिनी यादव ही पीएम मोदी के मुकाबले में हैं। वहीं कांग्रेस ने अजय राय को दोबारा टिकट देकर पीएम मोदी के खिलाफ उतारा है।
बता दें, यादव के एक वीडियो ने विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि जवानों को घटिया खाना दिया जा रहा है। इसके बाद उन्हें सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त कर दिया गया था। गौरतलब है कि यादव ने 24 अप्रैल को निर्दलीय और 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया था। उन्होंने बीएसएफ़ से बर्खास्तगी को लेकर दोनों नामांकनों में अलग अलग दावे किए थे।