लोकसभा चुनाव: त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के नायक को मिला पश्चिम बंगाल का प्रभार, 9 सीटों की मिली जिम्मेवारी
By विकास कुमार | Published: May 5, 2019 03:47 PM2019-05-05T15:47:39+5:302019-05-05T15:47:39+5:30
सुनील देवधर को अब पश्चिम बंगाल का जिम्मा दिया गया है. चार चरण के चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में बीजेपी की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें यह जिम्मा सौंपा है.
त्रिपुरा में वामपंथ के 25 वर्ष पुराने राजनीतिक किले को गिराने का श्रेय आरएसएस के पूर्व प्रचारक सुनील देवधर को जाता है. 2018 में हुए चुनाव में माणिक सरकार को सत्ता से अपदस्थ करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में सरकार बनाई.
विप्लब देब को पार्टी ने राज्य का मुख्यमंत्री बनाया. पूर्वोतर का प्रभार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव के पास था और उन्होंने इस काम के लिए महाराष्ट्र के संघ प्रचारक सुनील देवधर को त्रिपुरा भेजा था.
सुनील देवधर को अब पश्चिम बंगाल का जिम्मा दिया गया है. चार चरण के चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में बीजेपी की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें यह जिम्मा सौंपा है.
ऐसा कहा जा रहा है कि राज्य में अभी तक चार चरणों में वोटिंग प्रतिशत ज्यादा रहने के ट्रेंड को भाजपा अपने पक्ष में मान रही है. ऐसे में अमित शाह अगले तीन चरणों में बंगाल में पूरी ताक़त के साथ उतरना चाह रहे हैं.
सुनील देवधर का प्लान
नार्थ कोलकाता, साउथ कोलकाता और जादवपुर सीट का जिम्मा उन्हें दिया गया है जिसे 2014 में तृणमूल कांग्रेस ने जीता था. सुनील देवधर बीजेपी की जीत को आशावादी हैं. उन्होंने द प्रिंट से बातचीत में कहा है कि 2018 में बंगाल में पंचायत चुनाव में बहुत हिंसा हुआ था. बीजेपी को इस चुनाव में तृणमूल के बाद सबसे ज्यादा सीटें मिली थी.
अमित शाह और नरेन्द्र मोदी भी बंगाल में जोर दे रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि हिंदी हार्टलैंड में होने वाले नुकसान की भरपाई बीजेपी बंगाल और ओडिशा से करना चाहती है. अमित शाह ने बंगाल में मिशन-23 लांच किया था.
बंगाल में चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हो रही है. लेकिन वोटिंग प्रतिशत के अप्रत्याशित रूप से बढ़ने के बाद बीजेपी इस माहौल को अगले तीन चरणों में बरकरार रखना चाहती है.