गुड़गांव लोकसभा सीट: कांग्रेस के अजय सिंह और बीजेपी के राव इंद्रजीत सिंह के बीच मुकाबला, जानें इतिहास व राजनीतिक समीकरण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 17, 2019 04:37 PM2019-04-17T16:37:16+5:302019-04-17T16:44:29+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 5 लाख है और अहीर मतदाता करीब 6 लाख हैं। हरियाणा के सभी 10 लोकसभा सीटों पर 12 मई को चुनाव होने हैं।
लोकसभा चुनाव को लेकर गुड़गांव सीट पर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। भारतीय जनता पार्टी ने यहां के वर्तमान सांसद राव इंद्रजीत सिंह को एक बार फिर टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने कैप्टन अजय सिंह यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जो राव अभय सिंह के बेटे हैं। ऐसे में इस सीट पर पहली बार राव परिवार आमने-सामने होंगे।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कैप्टन अजय यादव के पिता राव अभय सिंह और बीजेपी प्रत्याशी राव इंद्रजीत के पिता राव बीरेंद्र के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी किसी से छिपी नहीं है।गुड़गांव लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने अजय सिंह को टिकट देकर मुकाबला काफी रोमांचक कर दिया है।
इंद्रजीत सिंह राव का रहा है दबदबा
गुड़गांव लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी इंद्रजीत सिंह राव का दबदबा रहा है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इंद्रजीत सिंह राव ने इंडियन नेशनल लोकदल के प्रत्याशी जाकिर हुसैन को हराया था। इंद्रजीत सिंह राव को 6 लाख 47 हजार से अधिक वोट मिले थे, जबकि जाकिर हुसैन को 3 लाख 70 हजार से अधिक वोट मिले थे।
साल 2009 में इंद्रजीत सिंह राव ने कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ा था। तब उन्होंने बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जाकिर हुसैन को हराया था। गौरतलब है कि 2009 के चुनाव में इंद्रजीत को 2 लाख 78 हजार से अधिक वोट मिले थे। वहीं, जाकिर हुसैन को 1 लाख 93 हजार से अधिक ही वोट मिल सके थे।
कांग्रेस के लिए कड़ी चुनौती
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी कैप्टन अजय सिंह यादव को बीजेपी के प्रत्याशी इंद्रजीत सिंह राव को हराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस इस सीट से जीतकर दोबारा अपनी जीत का दबदबा कामय कर सकती है या नहीं?
गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 5 लाख है और अहीर मतदाता करीब 6 लाख हैं। कांग्रेस की ओर से कैप्टन अजय यादव का नाम देरी से घोषित हुआ, लिहाजा उन्हें प्रचार में जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ेगी