निषाद पार्टी के बीजेपी में शामिल होने के बाद दिलचस्प होगा गोरखपुर सीट पर मुकाबला, पिछली हार से योगी ने लिया सबक

By पल्लवी कुमारी | Published: April 6, 2019 07:38 AM2019-04-06T07:38:49+5:302019-04-06T07:38:49+5:30

हार से सबक लेते हुए बीजेपी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इस बार गोरखपुर सीट को लेकर काफी सतर्क हो गए हैं। यही वजह है कि बीजेपी ने एनडीए में निषाद पार्टी को शामिल कराने में देरी नहीं की और प्रवीण निषाद को भी बीजेपी में शामिल करा लिया।

lok sabha election 2019: Gorakhpur Lok Sabha Constituency, nishad party important for bjp | निषाद पार्टी के बीजेपी में शामिल होने के बाद दिलचस्प होगा गोरखपुर सीट पर मुकाबला, पिछली हार से योगी ने लिया सबक

निषाद पार्टी के बीजेपी में शामिल होने के बाद दिलचस्प होगा गोरखपुर सीट पर मुकाबला, पिछली हार से योगी ने लिया सबक

Highlightsबीजेपी ने गोरखपुर सीट से अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं किया है जो उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है। सपा पार्टी ने गोरखपुर सीट से राम भुआल निषाद को टिकट दिया है।निषाद का भाजपा में शामिल होना घाटे का सौदा : अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश के निषाद पार्टी के यू-र्टन से गोरखपुर लोकसभा सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। महज चंद दिनों में  सपा बसपा रालोद महागठबंधन को छोड़ निषाद पार्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर एनडीए में शामिल हो गई। निषाद पार्टी का बीजेपी में शामिल होना इसलिए भी खास है क्योंकि निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद के बेटे पुत्र प्रवीण निषाद ने 2018 के उपचुनाव में सपा के टिकट पर गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीता था। लेकिन उस वक्त ये किसी शायद ही सोचा होगा कि सीएम योगी के गढ़ में बीजेपी को हराने वाले संजय निषाद  बीजेपी में शामिल हो जाएंगे। 

हार से सबक लेते हुए बीजेपी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इस बार गोरखपुर सीट को लेकर काफी सतर्क हो गए हैं। यही वजह है कि बीजेपी ने एनडीए में निषाद पार्टी को शामिल कराने में देरी नहीं की और प्रवीण निषाद को भी बीजेपी में शामिल करा लिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, निषाद पार्टी को बीजेपी को यूपी में दो सीटें दे सकती है। बीजेपी ने एक ओर जहां महागठबंधन के सहयोगी को अपने साथ मिलाया वहीं निषाद वोटरों को भी पार्टी की लाने की कोशिश की है।

निषाद बनाम 'पूर्व निषाद' हो सकता है मुकाबला 

बीजेपी ने गोरखपुर सीट से अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं किया है जो उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गोरखपुर से मौजूदा सांसद प्रवीण निषाद को बीजेपी टिकट दे सकती है। इस बात के संकेत गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने भी दिए। जे पी नड्डा ने बताया कि प्रवीण निषाद राजनीति में हैं और वो चुनाव लड़ेंगे, हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया है कि वह गोरखपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे या किसी अन्य सीट से।


सपा पार्टी ने गोरखपुर सीट से राम भुआल निषाद को टिकट दिया है। बता दें कि महागठबंधन से अलग होने के पहले ही सपा ने बड़ी चालकी दिखाते हुए राम भुआल निषाद को टिकट दे दिया। जिसके बाद निषाद पार्टी ने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया लेकिन राम भुआल निषाद सपा में ही हैं। ऐसे में अगर सांसद प्रवीण निषाद को टिकट मिलता है तो राम भुआल निषाद और उनके बीच काटे की टक्कर देखी जा सकती है।  निषाद पार्टी का गोरखपुर के साथ ही बस्ती, महराजगंज, देवरिया और डुमरियागंज में अच्छा प्रभाव है। 

गोरखपुर लोकसभा सीट का इतिहास 

गोरखपुर लोकसभा सीट भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) का गढ़ मानी जाती है। ये कहना गलत नहीं होगा कि ये सीट वहां के गोरखनाथ मठ के लिए आरक्षित रहती है। 1991 से लेकर 2014 तक के सभी लोकसभा चुनावों में इस गोरखपुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ही जीतते आए हैं। 1998 से लेकर 2017 तक उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सीट से सांसद रहे हैं और 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उनको सांसद का पद छोड़ना पड़ गया था।

निषाद का भाजपा में शामिल होना घाटे का सौदा : अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर से सांसद प्रवीण कुमार निषाद के बीजेपी में शामिल होने को लेकर कहा था कि ये एक घाटे का सौदा है। अखिलेश ने ट्वीट किया, ''यह भाजपा का घाटे का सौदा है क्योंकि जनता ने सांसद को नहीं, उनके पीछे एकजुट महागठबंधन को चुना था। चुनाव में इन मौसेरों की नैया डूबना तय है।'' उन्होंने सवाल किया कि गोरखपुर में सांसद जी को मठाधीशी का जो झोला भर प्रसाद मिला है, उसे वह पूरा गटक जाएंगे या किसी से बाँटेंगे भी?

गोरखपुर से सपा प्रत्याशी का दावा - निषाद पार्टी ने भाजपा से पैसा लेकर गठबंधन छोड़ा

गोरखपुर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राम भुवल निषाद ने दावा किया है कि निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद ने सपा-बसपा-रालोद गठबंधन इसलिये छोड़ा क्योंकि उन्हें भाजपा से कथित रूप से काफी पैसा दिया गया है। हालांकि, सपा प्रत्याशी के इस दावे को संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद ने सिरे से खारिज कर दिया। संजय निषाद पर कड़ा प्रहार करते हुए सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी राम भुवल निषाद ने कहा, ‘‘संजय निषाद ने केवल पैसे के लिये पाला बदला जो उन्हें भाजपा द्वारा दिया गया है। वह धोखेबाज है और समाज के सम्मान के लिये कभी नही लड़ सकते।''

गोरखपुर के वर्तमान सांसद प्रवीण निषाद ने कहा, ‘‘उन्होंने (सपा) ने मुझे अंधेरे में रखा, मुझसे कहा कि चुनाव की तैयारी करो और उसी समय राम भुवल निषाद को पार्टी का प्रत्याशी बना दिया। जहां तक भाजपा से पैसे लेने का आरोप राम भुवल निषाद लगा रहे हैं वह पूरी तरह से आधारहीन है।''

राम भुआल निषाद का परिचय 

सपा पार्टी ने गोरखपुर सीट से राम भुआल निषाद को टिकट दिया है। निषाद गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा बनने के पूर्व कौड़ीराम विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे हैं। वह वर्ष 2007 में बनी बसपा सरकार में मत्स्य राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। निषाद का गोरखपुर और आसपास अपनी बिरादरी में खासा असर माना जाता है। सपा ने यह निर्णय ऐसे वक्त लिया है जब पिछले दिनों ही पार्टी के समर्थन का एलान करने वाली निषाद पार्टी ने कुछ मतभेदों के कारण नाता तोड़ लिया। 

इसलिए निषाद पार्टी ने सपा बसपा रालोद महागठबंधन को छोड़ा 

निषाद पार्टी के मीडिया इंचार्ज निक्की निषाद उर्फ रितेष निषाद ने कहा था कि दोनों पार्टियों के बीच महाराजगंज लोकसभा सीट को लेकर मतभेद था। निषाद पार्टी इसे अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ना चाहती है जबकि समाजवादी पार्टी इसके लिये तैयार नहीं थी। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी के कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थे और पार्टी से इस्तीफा देना शुरू कर दिया था। निषाद पार्टी ने सपा बसपा रालोद महागठबंधन को लगभग तीन दिनों के बाद ही छोड़ दिया था। 

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