मोदी लहर से गिरा कांग्रेस पर कहर, 18 राज्यों में नहीं खुला खाता, 9 राज्यों में केवल एक सीट
By विनीत कुमार | Published: May 25, 2019 01:22 PM2019-05-25T13:22:00+5:302019-05-25T13:22:00+5:30
कांग्रेस के लिए मुश्किल की बात ये रही कि उसके कई दिग्गज चुनाव हार गये। इस हार में कांग्रेस के 9 ऐसे बड़े चेहरे शामिल हैं, जो पूर्व में किसी राज्य में मुख्यमंत्री रहे हैं।
लोकसभा चुनाव-2019 में करारी हार के बाद कांग्रेस इसके कारणों के मंथन में जुटी है। कांग्रेस की कमोबेश वही हालत हुई है जो 2014 में हुई थी। हार का आलम ये रहा कि कांग्रेस इस बार कुल 18 राज्यों एवं केंद्रशासित क्षेत्रों में खाता भी खोल नहीं सकी।
यही नहीं, राहुल गांधी तक को अमेठी में अपनी सीट स्मृति ईरानी के खिलाफ गंवानी पड़ी। कांग्रेस को सबसे ज्यादा दहाई अंकों में सीट केरल से मिली। कांग्रेस पार्टी केरल में 14 सीटें अपने नाम करने में कामयाब रही। इसके बाद कांग्रेस ने तमिलनाडु में आठ और पंजाब में भी आठ सीटें जीतीं।
कांग्रेस का 18 राज्यों में नहीं खुला खाता: कांग्रेस का इस बाद आंध्र प्रदेश, हरियाणा समेत गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, मणिपुर, नगालैंड, मिजोरम, दिल्ली, सिक्किम, राजस्थान, चंडीगढ़, त्रिपुरा, दादर एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव, लक्षद्वीप में खाता नहीं खुला। पार्टी यहां एक भी सीट नहीं जीत सकी।
कांग्रेस का वोट शेयर: कांग्रेस का वोट शेयर इस बार भी नहीं बढ़ सका। कांग्रेस को बीजेपी के 38 प्रतिशत के मुकाबले केवल 19.5 प्रतिशत वोट मिले। साल 2014 में भी करीब इतने ही प्रतिशत वोट कांग्रेस को मिले। अगर एनडीए की बात करें तो उसे 45 फीसदी वोट मिले।
9 राज्यों में कांग्रेस को केवल एक सीट: कांग्रेस 9 राज्यों में केवल एक सीट दर्ज कर सकी। इसमें बिहार, गोवा, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा, मेघालय, उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं। पुडुचेरी में भी कांग्रेस ने सीट जीती है जहां केवल एक लोकसभा सीट है।
कांग्रेस के 9 पूर्व मुख्यमंत्री हारे: कांग्रेस के लिए मुश्किल की बात ये रही कि उसके कई दिग्गज चुनाव हार गये। इस हार में कांग्रेस के 9 ऐसे बड़ी चेहरे भी शामिल हैं, जो पूर्व में किसी राज्य में मुख्यमंत्री रहे हैं। ये नाम हैं- शीला दीक्षित, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरीश रावत, दिग्विजय सिंह, वीरप्पा मोइली, सुशील कुमार शिंदे, अशोक चव्हाण, अरुणाचल प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे नबाम तुकी और मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा।