लोकसभा चुनावः भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि, तीन तलाक चुनावी मुद्दा बनाने से अधिक लाभ नहीं हाेगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 23, 2019 06:12 PM2019-04-23T18:12:03+5:302019-04-23T18:12:03+5:30
पश्चिम बंगाल में भाजपा के दो मुस्लिम चेहरों ने कहा कि उन्होंने अपने चुनाव प्रचार अभियान में तीन तलाक को चुनावी मुद्दा नहीं बनाने का फैसला किया और घरेलू हिंसा एवं समुदाय में महिलाओं को शिक्षित करने की आवश्यकता जैसे मुद्दों को उठाया।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए 42 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिनमें दो मुस्लिम उम्मीदवार हैं। पार्टी ने मुर्शिदाबाद लोक सभा सीट से हुमायूं कबीर और जंगीपुर से माफूजा खातून को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने तीन तलाक को चुनावी मुद्दा बनाया है, लेकिन कबीर और माफूजा को लगता है कि इसे चुनावी मुद्दा बनाने से अधिक लाभ नहीं होगा।
माकपा से दो बार विधायक रह चुकीं माफूजा ने कहा, ‘‘मेरी चुनाव प्रचार मुहिम में तीन तलाक का मुद्दा नहीं उठाया गया, क्योंकि इस मामले का देशभर में समान प्रभाव नहीं है। देश के अन्य हिस्सों की तुलना में पश्चिम बंगाल में तीन तलाक के पीड़ित कम हैं।’’
बीड़ी मजदूरों की दशा, युवाओं के लिए रोजगार अहम मुद्दे
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मूलभूत सुविधाओं, बीड़ी मजदूरों की दशा, युवाओं के लिए रोजगार और गंगा नदी के किनारों के कटाव जैसे स्थानीय मुद्दों पर बल दिया।’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने घरेलू हिंसा और मुस्लिम महिलाओं के सामाजिक एवं शैक्षणिक उत्थान को मुद्दा बनाया। कबीर ने भी कहा कि लोगों तक पहुंचने के लिए कई अन्य अहम मुद्दों को उठाए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘तीन तलाक को लेकर अल्पसंख्यक बंटे हुए हैं। उनकी दुविधा को बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाए, हमने मुस्लिम घरों में बच्चियों के लिए उचित शिक्षा समेत लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए प्रचार किया।’’
दोनों उम्मीदवारों ने कहा कि विपक्ष ने भाजपा को ‘‘हिंदुओं की पार्टी’’ के रूप में पेश किया और वे इस सोच को बदलने की दिशा में काम करेंगे। पूर्व तृणमूल कांग्रेस मंत्री कबीर ने कहा कि राजनीतिक दलों ने अपने राजनीतिक हित साधने के लिए भाजपा की ‘‘मुस्लिम विरोधी’’ छवि बनाई है और पार्टी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है।
जंगीपुर और मुर्शिदाबाद में मंगलवार को लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत मतदान हो रहा है।