लोकसभा चुनाव 2019: आरा में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह की राह आसान नहीं, महागठबंधन उम्मीदवार राजू यादव से मिलेगी कड़ी चुनौती

By निखिल वर्मा | Published: March 28, 2019 12:29 PM2019-03-28T12:29:59+5:302019-03-29T18:26:45+5:30

आरा संसदीय सीट पर पहली बार 1977 में चुनाव हुए थे। आपातकाल के बाद हुए चुनाव में भारतीय लोकदल से चंद्रदेव प्रसाद वर्मा ने जीत हासिल की थी।

lok sabha election 2019 arrah r k singh vs raju yadav | लोकसभा चुनाव 2019: आरा में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह की राह आसान नहीं, महागठबंधन उम्मीदवार राजू यादव से मिलेगी कड़ी चुनौती

एनडीए और महागठबंधन के आधार वोट आरा संसदीय सीट पर लगभग बराबर हैं

Highlightsआरा में एनडीए और महागठबंधन में कांटे की लड़ाई है। पिछली बार आरके सिंह ने भारी मतों से विजयी हुए थे।2004 के लोकसभा चुनाव में माले प्रत्याशी राम नरेश राम दूसरे नंबर पर रहे थे।

लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार की हाईप्रोफाइल सीट और बाबू कुंवर सिंह की भूमि आरा से केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को कड़ी चुनौती मिल सकती है। बीजेपी ने 2014 में चुनाव जीते पूर्व केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह (66 वर्षीय) को दोबारा उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर महागठबंधन से भाकपा-माले के प्रत्याशी राजू यादव मैदान में हैं। उन्हें आरजेडी और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है।

पिछले चुनाव में बीजेपी ने यह सीट 1.35 लाख मतों के अंतर से जीती थी। इस बार बीजेपी को जेडीयू का भी साथ मिलेगा जबकि माले के पीछे महागठबंधन मुस्तैद है। लोकमत से विशेष बातचीत में माले उम्मीदवार राजू यादव कहते हैं, आरके सिंह ने आरा के विकास के लिए कुछ नहीं किया है। आरा में किसानों की समस्या सबसे बड़ी है। नहर में पानी नहीं होने के कारण इंद्रपुरी में लगातार डैम बनाने की मांग की जा रही है लेकिन राज्य-केंद्र दोनों जगह सरकार होने के बावजूद ध्यान नहीं दिया गया। राजू यादव का कहना हैं कि आरके सिंह कभी-कभार ही आरा आते हैं। 

हालांकि बीजेपी को उम्मीद है कि आरके सिंह इस सीट से पिछली बार से अधिक मतों से जीतेंगे। बिहार बीजेपी उपाध्यक्ष विनय सिंह कहते हैं, इस बार बिहार में नेता नहीं बल्कि जनता चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा, "बिहार के साथ ही आरा की जनता नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाना चाहती है, आरके सिंह पिछली जीत का रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं।"

आरा में माले का जनाधार

भाकपा-माले के पटना ऑफिस इंचार्ज कुमार परवेज बताते हैं कि आरा में भाकपा-माले का पिछले तीस सालों से जनाधार रहा है। 1995 से यहां लगातार माले के विधायक जीतते रहे हैं। वर्तमान में आरा के तरारी से सुदामा प्रसाद माले से विधायक हैं। भाकपा-माले के गठन के बाद 1995 में रामेश्वर प्रसाद और रामनरेश राम आरा जिला से विधायक चुने गए थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में माले प्रत्याशी राम नरेश राम दूसरे नंबर पर रहे थे। राम नरेश राम को 1.49 लाख वोट पाने में सफल रहे थे।

वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में आईपीएफ के रामेश्वर प्रसाद के निर्वाचन के बाद से माले इस संसदीय क्षेत्र से काफी उत्साहित रहती है। भाकपा-माले के संगठन रिवोल्यूशनरी यूथ एसोसिएशन (RYA) के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार ने माले के गठन से पहले 1980 के दशक में यहां इंडियन पीपुल्स फ्रंट का यहां मजबूत जनाधार रहा है। पिछले 30 सालों से यहां पार्टी गरीबों के पक्ष में और सांप्रदायिक ताकतों के विरोध में लड़ती रही है। इस बार पार्टी ने फिर से 38 वर्षीय नौजवान राजू यादव पर दांव खेला है।

स्थानीय पत्रकार प्रशांत कहते हैं, आरा में एनडीए और महागठबंधन में कांटे की लड़ाई है। पिछली बार आरके सिंह ने भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन उस समय एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा और जेडीयू में जीतन राम मांझी मौजूद थे। इस बार दोनों नेता महागठबंधन के साथ थे। इसके अलावा बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में एनडीए के पोस्टर ब्वाय रहे विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश साहनी भी महागठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने के लिए मैदान में हैं। एनडीए और महागठबंधन के आधार वोट आरा संसदीय सीट पर लगभग बराबर हैं, इसलिए मुकाबला काफी नजदीकी होगा।

आरा संसदीय सीट पर पहली बार 1977 में चुनाव हुए थे। आपातकाल के बाद हुए चुनाव में भारतीय लोकदल से चंद्रदेव प्रसाद वर्मा ने जीत हासिल की थी। बीजेपी की यह परंपरागत सीट नहीं रही है, लेकिन जेडीयू का यहां जनाधार रहा है। 1998 और 2009 में यहां नीतीश कुमार के पार्टी के सांसद चुने जा चुके हैं।

बिहार में महागठबंधन की मजबूती के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर कहते हैं, अभी भी महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। इसलिए फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लालू यादव के जेल में होने के बावजूद उनका मुस्लिम-यादव समीकरण पहले की तरह ही मजबूत है। लालू अगर जेल से बाहर होते तो उनके विरोधी ज्यादा एकजुट होते जिससे नुकसान ही होता, अभी जनता में उनके प्रति सहानुभूति है। हालांकि उन्होंने आगे जोड़ा, नीतीश कुमार जब भी बीजेपी के साथ होते हैं, तो उनका स्ट्राइक रेट बेहतर हो जाता है। 

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

 

एमपीबाग के स्थानीय निवासी सुमेर लाल बताते हैं कि आरके सिंह इस इलाके में काफी काम किया है। उन्होंने बताया कि पहली बार यहां से रांची के लिए ट्रेन खुली है। कोईलवर में अलग से पुल बन रहा है, इसके अलावा आरा शहर में रिंग रोड का काम जारी है। 

Web Title: lok sabha election 2019 arrah r k singh vs raju yadav



Get the latest Election News, Key Candidates, Key Constituencies live updates and Election Schedule for Lok Sabha Elections 2019 on www.lokmatnews.in/elections/lok-sabha-elections. Keep yourself updated with updates on Bihar Loksabha Elections 2019, phases, constituencies, candidates on www.lokmatnews.in/elections/lok-sabha-elections/bihar. Know more about Arrah Constituency of Loksabha Election 2019, Candidates list, Previous Winners, Live Updates, Election Results, Live Counting, polling booths on www.lokmatnews.in/elections/lok-sabha-elections/bihar/arrah/