लाइव न्यूज़ :

हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही चार बार स्थगित, अनुराग ठाकुर ने कहा-किसी को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं था

By भाषा | Updated: September 18, 2020 20:51 IST

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों में जब सारा देश कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहा है तब संसद सदस्य अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रहे हैं।

Open in App
ठळक मुद्देलोकसभा में पहली बार शुक्रवार को शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी। बिरला ने कहा कि हम तथ्यों पर चर्चा करें, लेकिन बिना तथ्यों के वाद-विवाद से बचना चाहिए।

नयी दिल्ली: गत सोमवार से चल रहे संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में पहली बार शुक्रवार को शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी। कराधान और अन्य विधियां (कतिपय उपबंधों का संशोधन एवं छूट) विधेयक 2020 पेश किये जाने के दौरान वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा गांधी परिवार पर टिप्पणी एवं कुछ अन्य भाजपा सदस्यों की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी। चार बार के स्थगन के बाद शाम छह बजे कार्यवाही शुरू होने पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘कराधान विधेयक रखे जाने के दौरान मेरे द्वारा तथ्य रखते समय किसी को ठेस पहुंचाना मेरा उद्देश्य नहीं था। अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मुझे भी इस बात की पीड़ा है।’’

ठाकुर के इस बयान के बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चली और वर्ष 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों और वर्ष 2016-17 की अतिरिक्त अनुदान की मांगों पर चर्चा शुरू हुई। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों में जब सारा देश कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहा है तब संसद सदस्य अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सदन की कुछ मर्यादा है, उनके पूर्ववर्ती अध्यक्षों ने इस गरिमा को बनाये रखने काम किया। सदस्यों ने भी आसन को सहयोग दिया है।

बिरला ने कहा कि हम तथ्यों पर चर्चा करें, लेकिन बिना तथ्यों के वाद-विवाद से बचना चाहिए। हमें सदन की अच्छी परंपरा का पालन करना चाहिए। जो समय बचा है, उस समय में सुरक्षित रूप से सदन की कार्यवाही चलानी चाहिए। अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ मेरे लिये सभी सदस्य बराबर हैं। सभी का संरक्षण करना मेरा कर्तव्य है। किसी को अगर मेरी किसी बात से पीड़ा पहुंची है तब मैं व्यक्तिगत रूप से माफी मांगता हूं।’’ वहीं, सदन के उपनेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसमें दो मत नहीं हैं कि आपने (अध्यक्ष) दायित्व संभालने के बाद से कुशलता पूर्वक कार्यवाही को संचालित किया है और सभी पक्षों के सदस्यों का विश्वास हासिल किया है। उन्होंने कहा कि आज जो अवरोध पैदा हुआ, उसमें भी आपने सूझबूझ के साथ काम किया है जो प्रशंसनीय है।

सिंह ने कहा कि जहां तक अनुराग ठाकुर की बात है तो वह तेजतर्रार नेता हैं, चार बार के सदस्य हैं और अच्छे वक्ता हैं। अगर उनकी बात से किसी को ठेस पहुंची है तो उसकी पीड़ा उन्हें भी है और यह भावना उन्होंने सदन के समक्ष व्यक्त की है। सिंह ने कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है कि सभी इस भावना से सहमत होंगे और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी।’’ सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आसन पर जब अध्यक्ष रहते हैं तो सभी के लिए समान व्यवहार रखते हैं और हम उन्हें संरक्षक मानते हैं।

उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा बनाकर रखना सभी की जिम्मेदारी है। कराधान और अन्य विधियां (कतिपय उपबंधों का संशोधन एवं छूट) विधेयक 2020 पेश किये जाने के दौरान वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और एक भाजपा सदस्य की टिप्पणी के कारण सदन में हंगामा शुरू हो गया। निचले सदन में विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पीएम केयर्स फंड के गठन को लेकर सवाल उठाये। कुछ सदस्यों ने इस कोष को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष में मिला देने का सुझाव दिया। विधेयक पर कुछ समय तक बोलने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम केयर्स के मुद्दे पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर बात रखेंगे। इसके बाद ठाकुर ने कहा कि पीएम केयर्स फंड का विरोध किया जा रहा है लेकिन इस विरोध के पीछे तर्क तो होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ये (विपक्ष) कहते थे कि ईवीएम खराब है और कई चुनाव हार गए। फिर कहा कि जनधन खराब है, फिर कहा कि जीएसटी खराब है, तीन तलाक कानून खराब है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए ठाकुर ने कहा कि सच्चाई यह है कि विपक्ष की नीयत खराब है। इसलिए उन्हें अच्छा काम भी खराब नजर आता है। पीएम केयर्स फंड का जिक्र करते हुए ठाकुर ने कहा कि इस विषय पर ये (विपक्ष) अदालत में चले गए, लेकिन अदालत ने इनकी बातों को खारिज कर दिया। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि ये लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच नहीं, बल्कि देश की जनता की सोच पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। ठाकुर ने कहा कि एक तरफ देश कोरोना महामारी से लड़ने की तैयारी कर रहा था और प्रधानमंत्री अनेक कदम उठा रहे थे तब विपक्ष के लोग राजनीति कर रहे थे ।

ठाकुर ने कहा, ‘‘ 1948 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने शाही हुकुम की तरह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष बनाने का आदेश दिया।’’ उन्होंने दावा किया कि इस कोष का आज तक पंजीकरण नहीं कराया गया है। वित्त राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि पीएम केयर्स कोष पूरी तरह से संवैधानिक रूप से पंजीकृत चैरिटेबल ट्रस्ट है। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी-नेहरू परिवार ने देश को नुकसान पहुंचाया। ठाकुर ने नेहरू-गांधी परिवार को लेकर कुछ टिप्पणियां कीं जिस पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस की एक सदस्य की टिप्पणी के बाद पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी अपने स्थान पर खड़े होकर कुछ कहते देखी गईं। इस पर तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने खड़े होकर गहरी आपत्ति व्यक्त की और कुछ देर तक जोरदार तरीके से विरोध दर्ज कराते रहे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें शांत कराने का प्रयास करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष, विपक्ष के सदस्य हों या कोई मंत्री हों... अगर वो उठकर बोलने का प्रयास करेंगे तो मुझे उन्हें नाम लेकर बाहर निकलने के लिए कहना होगा। उन्होंने कोविड-19 से बचने के लिये किये गए इंतजाम का जिक्र करते हुए कहा कि सदस्यों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हालांकि, कल्याण बनर्जी बार-बार खड़े होकर अपनी बात कहते रहे। इस बीच, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि हमने एक भी असंसदीय, असंवैधानिक बात नहीं की है। लेकिन इन्होंने (ठाकुर) सारा माहौल खराब कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि हमने पीएम केयर्स फंड की बात करते हुए कभी प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के लिये कुछ गलत नहीं कहा।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि अनुराग ठाकुर को गांधी परिवार को लेकर बोले गये अपमानजनक शब्दों के लिए माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस सदस्यों ने ‘अनुराग ठाकुर माफी मांगो’ के नारे भी लगाए। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ आसन के कहने के बाद भी अगर सदस्य नहीं मानते हैं तब मैं इस तरह से सदन चलाने का न आदी हूं और न चलाऊंगा। सभी सदस्य आचार संहिता बनाये रखें।’’ उन्होंने हंगामे के बीच कार्यवाही 3 बजकर 50 मिनट पर आधे घंटे के लिये स्थगित कर दी। एक बार के स्थगन के बाद लोकसभा की बैठक फिर शुरू होने पर भी सदन में शोर-शराबा जारी रहा और पीठासीन सभापति रमा देवी ने कुछ ही मिनट बाद कार्यवाही शाम 5 बजे तक के लिये स्थगित कर दी। बैठक फिर शुरू होने पर भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही और बैठक शाम साढ़े पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद पुन: शुरू होने पर शोर-शराबा जारी रहा और पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कार्यवाही शाम छह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। भाषा दीपक वैभव हक दीपक वैभव वैभव

टॅग्स :संसद मॉनसून सत्र
Open in App

संबंधित खबरें

भारतParliament Session: दलगत राजनीति की भेंट चढ़ता संसदीय कामकाज, लोकसभा में 83 और राज्यसभा में 73 घंटे बर्बाद?

भारतपीएम और सीएम होंगे अरेस्ट?, प्रशांत किशोर ने कहा- बिल के पीछे कोई गलत नीयत न हो तो ठीक, आप 2-4 महीने जेल में हैं तो सत्ता चला नहीं सकते, वीडियो

भारतरोज हंगामा, 30 दिन और केवल 37 घंटे काम?, 21 जुलाई से शुरू और 21 अगस्त को खत्म, 14 सरकारी विधेयक पेश और 12 विधेयक पारित, लोकसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

भारतक्यों खाली पड़े हैं शिक्षकों के दस लाख पद ?

कारोबारOnline Gaming Bill: टीम इंडिया टाइटल प्रायोजक ड्रीम 11, आईपीएल का ‘माई11 सर्कल’?, बीसीसीआई को लगेगा अरबों का झटका, देखिए आंकड़े

भारत अधिक खबरें

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम

भारतरेलवे ने यात्रा नियमों में किया बदलाव, सीनियर सिटीजंस को मिलेगी निचली बर्थ वाली सीटों के सुविधा, जानें कैसे

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?