LMOTY 2024: तकनीक-प्रेमी शिक्षक आनंद अनामवाड को दिया गया 'लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर' का पुरस्कार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 15, 2024 07:02 PM2024-02-15T19:02:23+5:302024-02-15T19:02:49+5:30
Lokmat Maharashtrian of the Year Awards 2024: 'लोकमत महाराष्ट्रियन ऑफ द ईयर' पुरस्कार समारोह गुरुवार को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर आयोजित किया गया।
मुंबई: 'लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर' पुरस्कार प्रतिवर्ष राजनीति, चिकित्सा, उद्योग, खेल, कृषि, सीएसआर, सार्वजनिक सेवा-समाज सेवा, शिक्षा, प्रशासन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है। 'लोकमत महाराष्ट्रियन ऑफ द ईयर' पुरस्कार के लिए नामांकन की घोषणा हाल ही में की गई थी। शिक्षक वर्ग में पांच लोगों को नामांकित किया गया था।
आनंद अनामवाड (जिला परिषद स्कूल, दहानू, पालघर) को 2024 के लिए 'लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह गुरुवार को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर आयोजित किया गया। इसमें सार्वजनिक सेवा-समाज सेवा, शिक्षा, प्रशासन, राजनीति, चिकित्सा, उद्योग, खेल, कृषि, सीएसआर के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
शिक्षक आनंद बालाजी अनामवाड ने कटकारी, वारली से लेकर मराठी भाषा तक द्विभाषी शब्दकोश बनाने और छात्रों को शिक्षा की धारा में लाने और अंग्रेजी नहीं जानने वाले छात्रों को बहुभाषी बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है। वह पवन, मल्लायन और अब महलपाड़ा में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। जिसमें अनुपस्थिति के कारणों का खुलासा हुआ। कर्ज लेकर बच्चों के लिए लैपटॉप व अन्य सामग्री खरीदकर विद्यार्थियों को टेक्नोलॉजी की ओर बढ़ाया। अस्थायी छात्रावास स्थापित कर पलायन की समस्या का समाधान किया गया। न केवल हमारा स्कूल, बल्कि तालुक के सभी स्कूल डिजिटल होने चाहिए। इसके लिए 100 शिक्षकों की कार्यशाला आयोजित की गई।
सरकार की शिक्षावारी पहल के माध्यम से 20,000 शिक्षकों का मार्गदर्शन करने वाले एनेमवाड को एक तकनीक-प्रेमी शिक्षक के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं का चयन करने के लिए नियुक्त सुपर जूरी बोर्ड में डॉ. विजय दर्डा, सुधीर मुनगंटीवार, धनंजय मुंडे, देवेन भारती, सोनू निगम, रमेश दमानी, नमिता थापर, महेश काले, डॉ. विजय भटकर, डॉ. अमित मायदेव, पोपटराव पवार, राजीव पोद्दार और ऋषि दर्डा शामिल थे।