भारतीय मद्य शराब कंपनियों ने राज्य सरकारों से अपील की है कि वे एक्साइज जमा करने के लिए अंतिम तिथि या टैक्स गणना वर्ष की अवधि एक महीने के लिए बढ़ा दे। इसके लिए उस दिन से एक महीने की अवधि बढ़ाई जाए जिस दिन से 21 दिन का लॉकडाउन खत्म हो।
एक्साइज नीति के तहत टैक्स देने के लिए वर्ष की गणना 31 मार्च तक होती है। इस अवधि में कंपनियों को टैक्स से जुड़े सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करना होता है। जिससे वे राज्यों में अपना कारोबार संचालित करती रह पाए।
कंफैडरेशन आफॅ इंडियन एल्कोहोलिक बेवरेज कंपनिस, सीआईएबीसी, ने राज्य सरकारों को लिखे एक पत्र में कहा है कि वे लॉकडाउन को देखते हुए वर्तमान एक्साइज वर्ष को 30 अप्रैल 2020 तक बढ़ा दे या फिर जिस दिन लॉकडाउन खत्म होता है उस दिन से अगले एक महीने तक का समय दें। इस दौरान उत्पादन, बॉटलिंग यूनिट, डिस्टलरी, लेवल एप्रवूलस, ब्रांड रजिस्ट्रेशनस, मूल्य स्वीकृति और अन्य मंजूरी—स्वीकृति को उस समय तक स्वत: मान्यता दें।
कंफैडरेशन ने कहा है कि कंपनियां लॉकडाउन की वजह से अपना कारोबार करने में असमर्थ हैं। रिटेल कारोबार सभी बड़े शहरों में पूरी तरह से ठप है। कंफैडरेशन ने कहा है कि सरकार से अनुरोध है कि वह सभी एक्सपोर्ट और ट्रांजिट परमिट और अन्य स्वीकृति को 30 अप्रैल तक या फिर लॉकडाउन खत्म होने के बाद एक महीने तक मान्यता प्रदान कर दें।
कंपनियों को इस अप्रत्याशित स्थिति को देखते हुए सभी नवीनीकरण को बिना जुर्माना लॉकडाउन के बाद कराने की इजाजत दे। कंपनियों को 2019—20 और 2020—21 से जुड़े कानूनी बाध्यताओं और टैक्स संबंधी कार्य करने की इजाजत लॉकडाउन खत्म होने के एक महीने बाद तक पूरा करने की स्वीकृति दे।