हेमंत सोरेन के लिए तारणहार हो सकते हैं वकील कपिल सिब्बल, बदले में जा सकते हैं राज्यसभा
By एस पी सिन्हा | Published: May 11, 2022 09:02 PM2022-05-11T21:02:53+5:302022-05-11T21:09:51+5:30
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खनन लीज मामले में 20 मई तक चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखना है। ऐसे में सीएम सोरेन को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने में कपिल सिब्बल की मदद लेने का फैसला किया है। हो सकता है कि इसके बदले में कपिल सिब्बल को झारखंड से राज्यसभा भेजा जा सकता है।
रांची: झारखंड में खनन पट्टा लीज मामले में बुरी तरह से घिरे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बचाने के लिए देश के जाने-माने वकील कपिल सिब्बल तारणहार बनेंगे। खबरों के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनका सहारा लेने का निर्णय लिया है।
सीएम सोरेन को खनन लीज लेने के मामले में 20 मई तक चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखना है। ऐसे में चुनाव आयोग की नोटिस के बाद आए राजनीतिक संकट में कानूनी सहायता उपलब्ध कराने में कपिल सिब्बल का मदद लिया जायेगा। बदले में कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार कपिल सिब्बल झारखंड से झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के संयुक्त तौर पर राज्यसभा उम्मीदवार होंगे। ऐसे में कपिल सिब्बल कानूनी सहायता प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए चुनाव आयोग और हाईकोर्ट में अपनी दलील पेश करेंगे।
हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग ने 10 दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा है। जबकि मुख्यमंत्री सोरेन ने कई कारण गिनाते हुए एक माह का समय मांगा है लेकिन सोरेन के इस आग्रह को ठुकराते हुए 20 मई 2022 तक अपना जवाब देने को कहा गया है।
ऐसे में हेमंत सोरेन के अंदरखाने में यह तय किया गया है कि राज्यपाल या चुनाव आयोग द्वारा अपदस्थ किए जाने की संभावित कार्रवाई से बचने के लिए फिलहाल एक मंझे हुए कानूनी विशेषज्ञ के रूप में चर्चित कपिल सिब्बल का सहारा लिया जाये। कारण कि कपिल सिब्बल ही कोर्ट में कानूनी दावपेंच के साथ मजबूती से रखते हुए हेमंत सोरेन के पक्ष में फैसला दिलाने क्षमता रखते हैं।
सियासी गलियारे में ऐसी चर्चा है कि कपिल सिब्बल हेमंत सोरेन को इस संकट से उबारने की फीस के तौर पर राज्यसभा की सीट चाहते हैं। हालांकि सत्ता पक्ष या विपक्ष की ओर से प्रामाणिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है।
जानकारों के अनुसार हेमंत सोरेन पर आये इस संकट से विधानसभा की सदस्यता जाने का खतरा मंडराने लगा है। उन पर अपने नाम पर खदान लीज लेने, दोहरा लाभ का पद के मामले में अयोग्यता की तलवार लटक रही है। चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को भारतीय जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए के तहत कार्रवाई का नोटिस दिया है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि चोरी, बेईमानी व झारखंड के गरीबों की जल, जंगल जमीन, पत्थर, बालू लूटकर बेहिसाब दौलत इकट्ठा करने वाले सोरेन परिवार का स्याह चेहरा जब भी उजागर होता है, तो ये लोग खुद को बचाने के लिए आदिवासी बताने का ढाल का इस्तेमाल करने लगते है।
पूर्व मुख्यमंत्री बूलाल मरांडी ने सवालिया लहजे में सीएम हेमंत सोरेन से पूछा, "हेमंत सोरेन जी, आदिवासी का मतलब सिर्फ सोरेन परिवार ही होता है क्या?"