चीनी सेना की धमकी के बाद दमचोक और चुशूल में दहशत का माहौल, 10 हजार से अधिक चीनी सैनिक पीछे हटने को राजी नहीं

By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 14, 2020 02:20 PM2020-06-14T14:20:23+5:302020-06-14T14:35:09+5:30

गलवान घाटी तथा पैंगांग झील के फिंगर 4 इलाके समेत करीब 7 से 8 स्थानों में चीनी सेना की घुसपैठ चिंता का कारण बनी हुई है जहां अनुमानतः चीन के 10 हजार से अधिक सैनिक डेरा डाले हुए हैं और वे पीछे हटने को राजी नहीं हैं।

LAC standoff: Panic in Damachok and Chushul after Chinese army threat | चीनी सेना की धमकी के बाद दमचोक और चुशूल में दहशत का माहौल, 10 हजार से अधिक चीनी सैनिक पीछे हटने को राजी नहीं

चीन सेना की घुसपैठ की वजह से एलएसी पर दशहत का मौहोल है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsलद्दाख सेक्टर में चीन सीमा पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच बने हुए तनातनी के माहौल के बीच दमचोक और चुशूल के इलाकों में जबरदस्त दहशत का माहौल है। दहशत का माहौल इसलिए भी है क्योंकि 10 हजार से अधिक घुसपैठिए चीनी सैनिक भारतीय इलाको से पीछे हटने को राजी नहीं हैं।

जम्मू: लद्दाख सेक्टर में चीन सीमा पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच बने हुए तनातनी के माहौल के बीच दमचोक और चुशूल के इलाकों में जबरदस्त दहशत का माहौल है। हालांकि चुशूल में स्थानीय नागरिकों की संख्या नाममात्र की है पर दमचोक में 30 से 40 सदस्यों वाले गांव में माहौल को भांप कर पलायन की तैयारी चल रही है। दहशत का माहौल इसलिए भी है क्योंकि 10 हजार से अधिक घुसपैठिए चीनी सैनिक भारतीय इलाको से पीछे हटने को राजी नहीं हैं।

दमचोक, गलवान घाटी, पैंगांग झील के इलाके व चुशूल में चीनी सेना की घुसपैठ या फिर भारतीय नागरिकों व भारतीय जवानों को धमकाने या उनसे झड़पों की घटनाएं कोई नई भी नहीं हैं। पहले भी चीनी सैनिक ऐसा करते रहे हैं। कुछ अरसा पहले तो उन्होंने उस समय हद ही कर दी थी जब वे दमचोक और चांगथांग इलाके में घुसकर पत्थरों पर लाल रंग से चाइना लिख कर चले गए थे।

दमचोक में दहशत का आलम उसी समय से है। तब चीनी सैनिकों ने इन नागरिकों को इलाका खाली करने को कहा था। ये लोग 1962 के चीनी हमले के उपरांत से यहीं पर डेरा डाले हुए हैं। हालांकि दमचोक का कुछ इलाका चीनी सेना ने 1962 में कब्जा लिया था। चुशूल में भी उन्होंने ऐसा ही किया था लेकिन वहां भारतीय सेना के मेजर शैतान सिंह ने बहादुरी के साथ चीनी सेना का मुकाबला किया था और वीरगति प्राप्त करने से पहले काफी हद तक इलाके पर चीनी सेना का कब्जा नहीं होने दिया था।

हाइड्रो थेरेपी सेंटर 

ताजा घटना के लिए दमचोक में भारत सरकार द्वारा लगाया जा रहा हाइड्रो थेरेपी सेंटर भी जिम्मेदार है जिससे केंद्र सरकार बिजली पैदा करना चाहती है। यहां पर एक गर्म पानी का झरना भी है। चीन पहले से ही लद्दाख सेक्टर की सीमा से सटे कई इलाकों में ऐसे प्लांट स्थापित कर बिजली पैदा कर रहा है और वह नहीं चाहता है कि भारत भी ऐसा करे। वह इस बिजली का इस्तेमाल अपनी सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए कर रहा है।

चीन दमचोक और चुशूल को अपना हिस्सा मानता है

दमचोक में रहने वाले नागरिकों को दहशतभरा माहौल दिन-ब-दिन खाए जा रहा है। वे इलाके से पलायन करना चाहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे जानते हैं कि वे उस चीनी सेना का मुकाबला नहीं कर सकते जिससे ‘डर’ कर भारतीय सेना के जवान भी अक्सर पीछे हटते रहे हैं। याद रहे दमचोक और चुशूल के इलाकों में चीनी वायुसेना द्वारा कई बार नभसीमा का उल्लंघन भी किया जा चुका है और फ्लैग मीटिंगों में चीनी सेना ने इस पर उठाई जाने वाली आपत्तियों पर कान तक नहीं धरा था। असल में चीन दमचोक और चुशूल को अपना हिस्सा मानता है। वैसे चुशूल में भी एक एयरबेस खोलने की भारतीय कवायद से चीन चिढ़ा हुआ है और वह इसे खोलने पर नाराजगी जताते हुए अब सड़कों के निर्माण में में अड़ेंगे डाल रहा है, इसे रक्षा सूत्रों ने माना है।

करीब 7 से 8 स्थानों में चीनी सेना की घुसपैठ चिंता का कारण 

ताजा घटनाक्रम में गलवान घाटी तथा पैंगांग झील के फिंगर 4 इलाके समेत करीब 7 से 8 स्थानों में चीनी सेना की घुसपैठ चिंता का कारण बनी हुई है जहां अनुमानतः चीन के 10 हजार से अधिक सैनिक डेरा डाले हुए हैं और वे पीछे हटने को राजी नहीं हैं। ऐसे में हालात यह है कि चीनी सेना की बढ़ती दखलअंदाजी लेह स्थित भारतीय सेना की 14वीं कोर के लिए परेशानी का सबब इसलिए बन गई है क्योंकि वह भयानक सर्दी के मौसम में लद्दाख सीमा पर न ही पूरी गश्त कर पा रही है और न ही जवानों को वहां अधिक देर तक तैनात रख पा रही है। जानकारी के लिए चीन सीमा पर हमेशा तापमान शून्य सेे कई डिग्री नीचे रहता है और चीनी सेना जिन बंकरों में रह रही है वे बहुत ही आधुनिक माने जाते हैं तथा वे कई मंजिला भी हैं।

Web Title: LAC standoff: Panic in Damachok and Chushul after Chinese army threat

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