मणिपुर में कुकी विधायकों ने पीएम मोदी से किया अनुरोध, राज्य में शांति के लिए रखी ये मांग

By अंजली चौहान | Published: August 17, 2023 01:28 PM2023-08-17T13:28:32+5:302023-08-17T13:32:51+5:30

विधायकों ने कहा कि अलग प्रशासनिक पदों की मांग करना जरूरी हो गया था क्योंकि राजधानी इम्फाल (मैतेई बहुल) "कुकी-ज़ो लोगों के लिए मौत और विनाश की घाटी बन गई है"।

Kuki MLAs in Manipur requested PM Modi for peace in the state to Create chief secretary DGP posts for our people | मणिपुर में कुकी विधायकों ने पीएम मोदी से किया अनुरोध, राज्य में शांति के लिए रखी ये मांग

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

Highlightsमणिपुर में कुकी विधायकों ने पीएम से की मांग कुकी विधायकों ने राज्य में समुदाय के लिए अलग अधिकारियों की मांग की है इन विधायकों में बीजेपी के विधायक भी शामिल हैं

इंफाल: जातीय हिंसा की मार झेल रहे मणिपुर के दस कुकी विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में कुकी विधायकों ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि राज्य के उन पांच पहाड़ी जिलों के लिए मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक या इसके समकक्ष पद सृजित किए जाएं जहां जातीय हिंसा भड़कने के बाद से समुदाय के सदस्य रह रहे हैं।

गौरतलब है कि इन विधायकों ने अपने पत्र में पीएम से 500 करोड़ रुपये की मदद भी मांगी है। ज्ञापन में हस्ताक्षर करने वाले विधायकों में राज्य की भाजपा सरकार के सात विधायक भी शामिल है। ये विधायक वही है जिन्होंने मणिपुर के कुकी-जो निवासियों के लिए एक अलग प्रशासन की मांग की थी। 

16 अगस्त को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि 3 मई के बाद से इम्फाल में सरकारी कर्मचारियों, व्यापारियों दैनिक वेतन भोगी और मजदूर के रूप में रहने वाले कुकी-जो पर ग्रेटर इम्फाल क्षेत्र में मैतेई भीड़ के साथ-साथ अरामबाई तेंगगोल और मैतेई लीपुन जैसे मैतेई मिलिशिया द्वारा विनाशकारी हमले हुए हैं। 

विधायकों ने यह भी कहा कि जनहित में नागरिक और पुलिस विभागों में वरिष्ठ स्तर के अन्य प्रमुख पद भी सृजित किये जाने चाहिए।

ज्ञापन में कई घटनाओं को सूचीबद्ध किया गया है जहां कुकी-जो लोगों को कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया, छेड़छाड़ की गई, बलात्कार किया गया और मार दिया गया।

इसमें थानलॉन विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर हमले का हवाला देते हुए कहा गया है कि यहां तक ​​कि राज्य विधानसभा के सदस्यों को भी नहीं बख्शा गया जिन्हें पीटा गया और मृत अवस्था में छोड़ दिया गया। वाल्टे का ड्राइवर मारा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि दो कैबिनेट मंत्रियों के घर वे दोनों हस्ताक्षरकर्ता हैं जलाकर राख कर दिए गए हैं।

इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, "लगभग हर दिन पहाड़ी जिलों के गांवों पर हमला करके कुकी-जो पहाड़ी आदिवासियों के खिलाफ युद्ध छेड़ते रहते हैं।"

वे चल रही हिंसा को "कुकी-ज़ो आदिवासियों के खिलाफ एक राज्य प्रायोजित युद्ध" भी कहते हैं, कई उदाहरणों का हवाला देते हुए जहां सीएम बीरेन और बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के नेताओं ने कथित तौर पर कुकी-जो लोगों के खिलाफ हिंसा का आह्वान किया है।

इसमें कहा गया है कि कोई भी कुकी-जो लोग इंफाल नहीं जा सकते, न ही इंफाल की राजधानी और अन्य घाटी जिलों में तैनात सरकारी कर्मचारी अपने कार्यालयों में जा सकते हैं।

जानकारी के अनुसार, हस्ताक्षरकर्ता विधायक और उनके निर्वाचन क्षेत्र वाली पार्टियाँ इस प्रकार हैं, हाओखोलेट किपगेन (सैतु, स्वतंत्र), लेटपाओ हाओकिप (तेंगनौपाल, भाजपा), एल.एम. कौटे (चुरचांदपुर, भाजपा), नेमचा किपगेन (कांगपोकपी, भाजपा), नगुर्सांगलुर सनाटे (टिपाइमुख, भाजपा) ), पाओलिएनलाल हाओकिप (सैइकोट, बीजेपी), चिनलुनथांग (सिंघट, केपीए), लेटज़मंग हाओकिप (हेंगलेप, बीजेपी), किम्नेओ हाओकिप हैंगशिंग (सैकुल, केपीए) और वुंगज़ागिन वाल्टे (थानलॉन, बीजेपी)।

द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, कुकी समुदाय के सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (एसओओ) समूहों के नेता आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय से बात करने वाले हैं।

बता दें कि मई की शुरुआत से ही मणिपुर में इम्फाल घाटी में प्रभावी मेइतेई और आसपास के पांच पहाड़ी जिलों में बहुसंख्यक कुकी जनजातियों के बीच जातीय संघर्ष देखा गया है।

झड़पों में लगभग 160 लोगों की जान चली गई, 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए और प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था भी सामुदायिक आधार पर विभाजित हो गई।

Web Title: Kuki MLAs in Manipur requested PM Modi for peace in the state to Create chief secretary DGP posts for our people

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