लाइव न्यूज़ :

कोटकपूरा गोलीबारी मामला: अमरिंदर ने महाधिवक्ता, उनकी कानूनी टीम का बचाव किया

By भाषा | Updated: April 14, 2021 23:09 IST

Open in App

चंडीगढ़, 14 अप्रैल पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने महाधिवक्ता अतुल नंदा और कानूनी टीम के खिलाफ विपक्ष के आरोपों को बुधवार को खारिज कर दिया तथा राज्य में गुरु ग्रंथ साहिब की कथित बेअदबी के बाद 2015 में कोटकपूरा में हुई गोलीबारी की घटना की जांच का बचाव किया।

फरीदकोट में 2015 में इस धर्म ग्रंथ की कथित बेअदबी की घटनाएं हुई थीं।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने कोटकपूरा गोलीबारी की पंजाब की एसआईटी जांच रिपोर्ट को शुक्रवार को खारिज कर दिया था। यह गोलीबारी सिख प्रदर्शनकारियों पर हुई थी, जो धर्म ग्रंथ की कथित बेअदबी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

पंजाब सरकार ने शनिवार को कहा था वह अदालत के आदेश को चुनौती देगी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि कोटकपूरा गोलीबारी मामले में जांच पूरी तरह से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष थी।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए उन पर आरोप लगाया कि वे 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले संकट पैदा करने के लिए जानबूझ कर जन भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘ये निहित राजनीतिक स्वार्थ वाले लोग जनता को भ्रमित करने की साफ तौर पर साजिश कर रहे हैं। ’’

उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के नेताओं सहित निहित स्वार्थ वाले लोग जो कुछ कह रहे हैं, उसके ठीक उलट सच यह है कि बेअदबी के मामलों की अदालतों में अलग से सुनवाई हो रही है।

उन्होंने कहा कि महाधिवक्ता और उनकी टीक को सिर्फ बेअदबी के मामलों में ही राज्य सरकार का बचाव करने का कार्य सौंपा गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात का श्रेय महाधिवक्ता और उनकी टीम को जाता है कि सीबीआई को मामले के सभी कागजात पंजाब पुलिस एसआईटी को पांच फरवरी को सौंपने पड़े। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने करीब चार साल में इस विषय की जांच में कोई प्रगति नहीं की थी।

उन्होंने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक एसपीएस परमार के नेतृत्व वाली एक अलग एसआईटी अब बेअदबी के मामलों की जांच कर रही है।

उन्होंने कहा कि मामले को उसके तार्किक अंजाम तक पहुचाया जाएगा और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।

गौरतलब है कि आप सांसद भगवंत मान ने बुधवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने महाधिवक्ता और उनकी 150 वकीलों की टीम को सिर्फ मुकदमा हारने के लिए ही नियुक्त किया है।

इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने अदालत में मामले को उपयुक्त तरीके से नहीं पेश किया।

वहीं, शिअद ने दावा किया था कि उच्च न्यायालय के आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमंत्री दोषियों का पता लगाने में रूचि नहीं रखते हैं, बल्कि मामले का इस्तेमाल बादल परिवार को फंसाने के लिए कर रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र नगर निगम चुनावः कांग्रेस को झटका, राजीव सातव की पत्नी और एमएलसी प्रज्ञा सातव भाजपा में शामिल

क्रिकेटIND vs SA, 5th T20I Preview: क्या 5वें टी20 मैच खेलेंगे गिल?, अहमदाबाद पहुंचे, आखिरी मैच कल, शाम 7 बजे से चौके-छक्के, कहां और कब देखें लाइव स्कोर

कारोबारबाबा के बताए मार्ग पर चलकर ही बनेगा विकसित छत्तीसगढ़, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लालपुर में महाविद्यालय की घोषणा सहित विकास कार्यों की दी सौगात

कारोबारहिंसा से मुक्त और सुरक्षित समृद्ध बस्तर हमारा संकल्प: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

भारतगुरु घासीदास बाबा ने समाज को समानता, सद्भाव और मानवता का दिया संदेश: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

भारत अधिक खबरें

भारतभाजपा में संगठन सर्वोपरि और संगठन ही शक्ति व विचारधारा ही प्राण?, भाजपा बिहार के नव नियुक्त अध्यक्ष संजय सरावगी ने कार्यभार संभाला

भारतदिल्ली में CNG गाड़ियों को बड़ा झटका! अब इन वाहनों को नहीं मिलेगी गैस, निकलने से पहले जरूर देखें ये डॉक्यूमेंट

भारतPunjab Local Body Election Results: कुल 2838 जोन, आम आदमी पार्टी ने 1494, कांग्रेस 567, शिरोमणि अकाली दल ने 390 और भाजपा ने 75 जोन जीते

भारतराज्य सरकार के अधिकारी और नौकरशाह ‘माननीय’ शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते?, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने-केवल मंत्री करेंगे

भारतबिहार सरकारी स्कूलः शिक्षक नियुक्ति में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा, नहीं मिल रहा 69,000 शिक्षक के सर्टिफिकेट