कोलकाता डॉक्टर मर्डर-रेप केस में HC का प्रिंसिपल पर आदेश, 'वह बहुत ताकतवर है, छुट्टी पर भेजिए'
By आकाश चौरसिया | Published: August 13, 2024 01:01 PM2024-08-13T13:01:59+5:302024-08-13T13:28:59+5:30
कोलकाता रेप-मर्डर केस में हाईकोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष को आज ही छुट्टी पर चले जाने का आदेश दिया है। साथ में कहा कि वो बहुत ताकतवर है। दूसरी तरफ दोपहर 1 बजे तक केस डायरी भी मांगी है।
Kolkata Rape-Murder: कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल संदीप घोष को लंबी छुट्टी पर जाने के लिए कह दिया है, साथ में कहा कि वह बहुत ताकतवर है। प्रिंसिपल संदीप घोष उसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल है, जहां रेजिडेंट डॉक्टर के साथ अपराध हुआ। जैसे-जैसे यह मामला तूल पकड़ता गया, वैसे ही प्रिंसिपल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन कुछ घंटों के भीतर उन्हें दोबारा नियुक्त किया गया।
पीड़िता और स्टाफ की सुरक्षा को लेकर खड़े हुए सवाल पर डॉक्टर संदीप घोष ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने त्याग के बाद घोषणा की थी कि पीड़िता उनकी बेटी की तरह थी, मैं इसकी जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से त्याग देता हूं। लेकिन उन्हें फिर से 24 घंटे बाद कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के तौर पर नियुक्त किया गया।
कोलकाता के रेजिडेंट डॉक्टर रेप-मर्डर केस में हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. HC ने बेहद कड़ी टिप्पणी करते हुए दोपहर 1 बजे तक इस मामले की केस डायरी मांगी है. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष को आज ही छुट्टी पर चले जाना… pic.twitter.com/FqpQ0KFEyp
— AajTak (@aajtak) August 13, 2024
कोलकाता के रेजिडेंट डॉक्टर रेप-मर्डर केस में हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। HC ने बेहद कड़ी टिप्पणी करते हुए दोपहर 1 बजे तक इस मामले की केस डायरी मांगी है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष को आज ही छुट्टी पर चले जाना चाहिए।
कोर्ट ने इस केस को हैंडल करने को लेकर राज्य सरकार से कड़े सवाल किए, पूछा कि जूनियर डॉक्टर के मां-पिता जानकारी का इंतजार कर रहे हैं और यहां तक कि आप डॉ. घोष को बचा रहे हैं, इतने बड़े हादसे और युवा महिला की मौत से उस पर कोई असर नहीं पड़ा है।
कलकत्ता के चीफ जस्टिस टीएस शिवागनानाम ने कहा कि प्रिंसिपल वहां पर काम कर रहे सभी डॉक्टरों के माता-पिता की तरह हैं, अगर वो नहीं दुख जाहिर करेंगे तो आखिर कौन चिंता प्रकट करेगा? यहां काम करने से अच्छा है वो घर चले जाएं।
अदालत ने गरजते हुए कहा, "कोई भी आदमी कानून से ऊपर नहीं है..., उसने कैसे पद छोड़ दिया और फिर उसे एक और जिम्मेदारी से पुरस्कृत की गई?" कोर्ट ने दोपहर 2 बजे तक पुलिस की केस डायरी की मांग करते हुए डॉ. घोष का त्यागपत्र दाखिल करने का भी निर्देश दिया और कहा, "हम देखना चाहते हैं कि उन्होंने क्या लिखा है।"