Kolkata doctor rape-murder case: उच्चतम न्यायालय ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हत्या एवं बलात्कार मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि ऐसी बर्बारता से देश हिल गया। आखिर प्रिंसिपल ने इसे हत्या का मामला कैसे कहा। उच्चतम न्यायालय ने दुष्कर्म-हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगायी और पूछा कि अस्पताल के प्राधिकारी क्या कर रहे थे। जब आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के प्राचार्य का आचरण जांच के घेरे में है तो उन्हें कैसे तुरंत किसी दूसरे कॉलेज में नियुक्त कर दिया गया।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि पश्चिम बंगाल को चीजों को नकारने की स्थिति में न रहने दें, राज्य में कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गयी है। सात हजार लोगों की भीड़ कोलकाता पुलिस की जानकारी के बिना आर जी कर अस्पताल में नहीं घुस सकती।
पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हत्या एवं बलात्कार मामले में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने कोलकाता की सड़कों पर चित्रों के माध्यम से संदेश लिखकर विरोध जताया। बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों के मंगलवार को 12वें दिन भी जारी प्रदर्शन के कारण सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं।
राज्य में सरकार द्वारा संचालित कई अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें देखी गयीं जहां वरिष्ठ चिकित्सकों और सहायक प्रोफेसरों ने ओपीडी में मरीजों का उपचार किया। कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को ड्यूटी के दौरान स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
सरकारी अस्पताल के प्रदर्शनरत चिकित्सकों में से एक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमारी बहन को न्याय मिलने तक प्रदर्शन जारी रहेगा। हम कार्य स्थलों पर सुरक्षा भी चाहते हैं। हमारी मुख्य मांग दोषियों को सजा दिलाना है।’’ घटना के बाद से देशभर के चिकित्सक मृतका के परिवार को न्याय दिलाने तथा कार्य स्थलों पर बेहतर सुरक्षा के लिए कानून लाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले सप्ताह कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कोलकाता पुलिस से इस मामले की जांच संभाली। पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इसी अस्पताल में बीते दिनों एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक का शव बरामद हुआ था।
चार सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व स्वामी विवेकानंद राज्य पुलिस अकादमी के महानिरीक्षक (आईजी) डॉ. प्रणव कुमार करेंगे। पश्चिम बंगाल गृह विभाग की ओर से 16 अगस्त को जारी अधिसूचना के अनुसार, एसआईटी को सरकारी विभागों और निजी एजेंसियों से जांच के लिए कोई भी प्रासंगिक दस्तावेज तक पहुंच की छूट होगी।
विशेष सचिव ने हस्ताक्षरित अधिसूचना में कहा है, ‘‘मुझे जनवरी 2021 से अब तक की अवधि के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच करने के लिए एक एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया गया है।’’ एसआईटी को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
जांच के दौरान कुमार को मुर्शिदाबाद रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) वकार रजा, राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की डीआईजी सोमा दास मित्रा और कोलकाता सेंट्रल के पुलिस उपायुक्त इंदिरा मुखर्जी सहायता करेंगे। एसआईटी का गठन ऐसे समय में किया गया है जब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो अस्पताल में (सीबीआई) प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना की जांच कर रहा है।
सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को ड्यूटी के दौरान स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना से आक्रोषित देश भर के चिकित्सक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और पीड़िता के लिए न्याय और कार्यस्थलों पर बेहतर सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र के सभी सरकारी अस्पतालों में लागू किए जाने वाले सुरक्षा उपायों की सोमवार को एक सूची जारी की जिसमें प्रवेश और निकास पर कड़ी निगरानी रखना तथा रात में महिला स्वास्थ्यकर्मियों को लाने-ले जाने में सुरक्षा प्रदान करना शामिल हैं। यह कदम रेजिडेंट डॉक्टर द्वारा देश भर में किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के बीच उठाया गया है।
चिकित्सक कोलकाता में एक सरकारी अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म करने और फिर उसकी हत्या की घटना के बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए एक विशेष कानून की मांग कर रहे हैं।
केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों के प्रमुखों को भेजे गए एक पत्र में मंत्रालय ने उनसे महिला स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बुनियादी सुविधाओं और पर्याप्त सुरक्षा के साथ ड्यूटी सुनिश्चित करने और रात में महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती एक से अधिक संख्या में करने के लिए कहा। इनमें कहा गया है कि ड्यूटी के दौरान उन्हें परिसर में कहीं भी आने-जाने के दौरान सुरक्षा दी जानी चाहिए और रात में कहीं भी जाने के लिए सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था की जानी चाहिए।