जानिए महज 20 रुपये में लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टर एमसी डावर कौन हैं? पद्मश्री से किया गया है सम्मानित
By शिवेंद्र राय | Published: January 26, 2023 12:18 PM2023-01-26T12:18:01+5:302023-01-26T12:20:03+5:30
साल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी डॉक्टर एमसी डावर अपनी सेवा दे चुके हैं और अब उनका पूरा जीवन सिर्फ गरीबों और कमजोर तबके के लोगों की सेवा के लिए समर्पित है।
नई दिल्ली: 74 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा हो गई। 2023 में 106 लोगों को पद्म पुरस्कार दिया जाएगा। इनमें से 6 को पद्म विभूषण, 9 को पद्म भूषण और 91 को पद्मश्री से नवाजा जाएगा। पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं में एक नाम जबलपुर के डॉक्टर एमसी डावर का है। चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
20 रुपये में लोगों का इलाज करते हैं
डॉक्टरी को सेवा का भाव मानकर गरीबों का उपचार करने वाले डॉक्टर एमसी डावर का पूरा नाम मुनिश्चर चंद्र डावर है। वह भारतीय सेना से सेवानिवृत्त डॉक्टर हैं और आज भी महज 20 रुपये में लोगों का इलाज करते हैं। साल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी डॉक्टर एमसी डावर अपनी सेवा दे चुके हैं और अब उनका पूरा जीवन सिर्फ गरीबों और कमजोर तबके के लोगों की सेवा के लिए समर्पित है।
डॉक्टर एमसी डावर एमबीबीएस करने के बाद भारतीय सेना में शामिल हुए थे। पेशे से चिकित्सक एमसी डावर को एक बीमारी के कारण भारतीय सेना से समय से पहले ही रिटायर होना पड़ा। इसके बाद उन्होंने गरीबों की सेवा करने की ठानी। साल 1986 में डॉक्टर एमसी डावर केवल 2 रूपये फीस के रूप में लेते थे। बाद में फीस बढ़ाकर 3 रूपये की और साल 1997 में उनकी फीस महज 5 रूपये थी। 2012 में उन्होंने अपनी फीस 10 रुपये की थी और वर्तमान में वह सिर्फ 20 रुपये की फीस लेकर इलाज करते हैं।
77 साल के डॉक्टर एमसी डावर का जन्म 16 जनवरी 1946 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ था। बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत आया और मध्यप्रदेश के जबलपुर में बस गया। बीमारी के कारण भारतीय सेना से समय से पहले ही रिटायर होने से पहले डॉक्टर डावर ने 1971 से लेकर 1972 तक सेना में सेवा की।
बता दें कि इस बार मध्य प्रदेश के चार लोगों को पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा। इनमें डॉक्टर एमसी डावर के अलावा उमरिया जिले में रहने वाली जोधइया बाई और झाबुआ में रहने वाले दंपति रमेश और शांति परमार को कला क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए पद्मश्री पुरस्कार दिया जाएगा।