रक्तदान की अलख जगाने के लिए ये नाप रहे हैं भारत, एक साल में बचाई दो हजार लोगों की जान

By रामदीप मिश्रा | Published: February 21, 2018 07:35 PM2018-02-21T19:35:25+5:302018-02-21T19:39:41+5:30

किरण वर्मा कहते हैं कि नाको की रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रतिदिन 12 हजार लोग रक्त की कमी के चलते मृत्यु का शिकार हो जाते हैं। इनके जीवन को बचाने के लिए ही वे यह यात्रा कर रहे हैं।

know about kiran verma who is campaigning for blood donation | रक्तदान की अलख जगाने के लिए ये नाप रहे हैं भारत, एक साल में बचाई दो हजार लोगों की जान

रक्तदान की अलख जगाने के लिए ये नाप रहे हैं भारत, एक साल में बचाई दो हजार लोगों की जान

नई दिल्ली, 21 फरवरीः दिल्ली के रहने वाले 33 साल के किरण वर्मा आजकल भारत भ्रमण पर हैं। उनका मकसद लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करना है। अपना जीवन रक्तदान के लिए समर्पित कर चुके किरण वर्मा देश के सभी राज्यों में 15 हजार किलोमीटर की यात्रा करते हुए डेढ़ लाख लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करेंगे। इनके बनाए सिंपली ब्लड नामक ऐप पर 182 देशों के 17500 रक्तदाता रजिस्टर्ड हैं, जो अपने आसपास जरूरतमंद के लिए रक्तदान करके उनकी जिंदगियां बचाने का काम करते हैं। अभी तक एक साल में दो हजार लोगों की जान बचा चुके हैं। किरण बुधवार को जयपुर पहुंचे।

यहां से की पैदल यात्रा शुरू

उन्होंने श्रीनगर के लालचौक से 26 जनवरी को पैदल यात्रा शुरू की थी। वह यहां से वर्मा चंद्रकोट, उधमपुर, जम्मू, सांबा, पठानकोट, बटाला, अमृतसर, चंडीगढ़, पिंजौर, बडुग, समरहिल (शिमला), कालका, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल व रोहतक के रास्ते हिसार और अलवर होते हुए जयपुर पहुंचे। इस दौरान वे विभिन्न स्कूलों-कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के 82 हजार से अधिक विद्यार्थियों को रक्तदान का महत्व, तरीका व सही समय बताकर उन्हें जागरूक कर चुके हैं। वे 14 जून तक देश के सभी राज्यों में 15 हजार किलोमीटर की यात्रा करते हुए प्रति किलोमीटर 10 लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य के साथ डेढ़ लाख लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करेंगे। 

खून की कमी से रोजाना 12 हजार लोगों की होती है मौत

किरण वर्मा कहते हैं कि नाको (नेशनल एड्स कंट्रोल ऑरगेनाइजेशन) की रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रतिदिन 12 हजार लोग रक्त की कमी के चलते मृत्यु का शिकार हो जाते हैं। इनके जीवन को बचाने के लिए ही वे यह यात्रा कर रहे हैं। उनका कहना है कि रक्तदान के इच्छुक व्यक्ति को सीधा जरूरतमंद को ही रक्त का दान करना चाहिए ताकि उसके जीवन बचाया जा सके। 

टीचर को रक्तदान कर समक्ष में आया महत्व

सात साल की उम्र में मां की मृत्यु के बाद जीवन में काफी कष्ट झेलने वाले किरण वर्मा को रक्तदान का महत्व उस समय पता चला जब इन्होंने अपने शिक्षक को रक्त दिया। उस समय शिक्षक के बेटे की आंखों में इनके लिए जो भाव थे उन्होंने रक्तदान को इनके जीवन का मकसद बना दिया। इसके बाद वे अक्सर एम्स व सफदरजंग अस्पताल में जाकर जरूरतमंदों को रक्तदान करने लगे। यहां एक बार उनके द्वारा दान किए गए रक्त को दलालों ने किसी जरूरतमंद को बेच दिया, जिसकी जानकारी मिलने के बाद उन्होंने शिक्षण संस्थान में मार्केटिंग हेड की नौकरी छोड़कर पूरी तरह से रक्तदान के प्रति अलख जगाना शुरू कर दिया। वे खुद अबतक 40 बार रक्तदान कर चुके हैं। 

इस ऐप के जरिए कर रहे मदद

किरण वर्मा ने 29 जनवरी 2017 को सिंपली ब्लड नामक ऐप लांच किया, जिसके पहले चरण में दिल्ली में रक्तदाताओं को एक मंच प्रदान करते हुए जरूरतमंदों को समय पर रक्त देने की शुरुआत हुई। 23 सितंबर 2017 को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने इस ऐप के अपडेटिड वर्जन को लॉन्च किया। अब इस ऐप का डोनर बेस 2 लाख तक पहुंच चुका है और इसके माध्यम से 182 देशों में जरूरतमंदों तक रक्त की आपूर्ति की जा रही है। वे बताते हैं कि यह दुनिया का पहला वर्चुअल ब्लड डोनेशन और रक्तदान का पहला सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। 

14 जून को लगाएंगे दुनिया का पहला वर्चुअल ब्लड डोनेशन कैंप 

किरण वर्मा का कहना है कि देश में खून की जरूरत के मुकाबले इसकी आपूर्ति कम है। देश में हर 100 में से 3 लोग ही रक्तदान करते हैं। वे कहते हैं कि यदि प्रति सौ में से एक रक्तदाता भी बढ़ जाता है तो देश में खून से संबंधित सभी जरूरतें पूरी हो सकती हैं। उनका कहना है कि 14 जून को यात्रा के समापन पर वे दिल्ली में दुनिया का पहला वर्चुअल ब्लड डोनेशन कैंप लगाएंगे। इसमें रक्तदाताओं का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा जो जरूरत के समय लोगों को रक्त उपलब्ध करवाएंगे।

Web Title: know about kiran verma who is campaigning for blood donation

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे