खालिस्तानी आंतकी परमजीत का अंतिम संस्कार भारत में करना चाहता है परिवार, जर्मनी में रहने वाले बेटों को पाकिस्तान नहीं दे रहा वीजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 7, 2023 02:08 PM2023-05-07T14:08:52+5:302023-05-07T14:21:38+5:30
पंजवड़ 1986 में केसीएफ में शामिल हुआ था। बाद में वह संगठन का प्रमुख बन गया और पाकिस्तान चला गया। 1986 में, केसीएफ का नेतृत्व सुखदेव सिंह उर्फ सुक्खा शापई द्वारा किया जा रहा था जो उस समय भारत के पंजाब में एक पुलिस कांस्टेबल के रूप में कार्यरत था।
नई दिल्लीः वांछित खालिस्तानी आतंकवादी परमजीत सिंह पंजवड़ के परिवार ने उसके पार्थिव शरीर को भारत लाने का आग्रह किया ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। इस बीच पाकिस्तान ने जर्मनी में रहने वाले बेटों (शाहबाज सिंह और मनवीर सिंह) को वीजा देने से मना कर दिया है, जिसकी शनिवार लाहौर में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
खालिस्तानी आतंकवादी के बेटे अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए पाकिस्तान आने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन इस्लामाबाद वीजा देने को तैयार नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक परमजीत के शव को लाहौर में एक कब्र (अचिह्नित ) में दफनाया जाएगा।
परमजीत सिंह पंजवड़ (63) प्रतिबंधित खालिस्तान कमांडो फोर्स-पंजवड़ समूह (KCF) का नेतृत्व कर रहा था और भारत ने उसे जुलाई 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक आतंकवादी घोषित किया था। पंजवड़ की गोली मारकर हत्या किए जाने की खबर फैलते ही गांव के निवासी परिवार के सदस्यों से मिलने उनके पैतृक घर जाने लगे।
परमजीत पंजवड़ के बड़े भाई सरबजीत सिंह ने सरकार से उसके पार्थिव शरीर को वापस लाने का आग्रह किया ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। सरबजीत (70), अपने दो भाइयों - बलदेव सिंह (68), एक पूर्व सैनिक और अमरजीत सिंह (66), एक सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी - के साथ अपने पैतृक घर में रहते हैं।
इस बीच, खालिस्तान आतंकवादी की मौत के मौके पर संगरूर के सांसद सिमरनजीत सिंह मान के कहने पर पंजाब के तरनतारन में उसके पंजवड़ गांव में धार्मिक समारोह आयोजित करने की तैयारी की जा रही है।
परमजीत भारत को लक्षित करने के लिए अलगाववादियों के लिए धन जुटाने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और कनाडा में अफगान हेरोइन की तस्करी के लिए भी जिम्मेदार था। बंदूकधारियों ने पंजवड़ के सिर में गोली मारी और अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि गोलीबारी में उसका सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गया और बाद में उसने दम तोड़ दिया। हमलावर मोटरसाइकिल पर आए थे।
यह हत्या आतंकी सरगनाओं को भारत के बाहर लक्षित करने का नवीनतम उदाहरण है। इस साल फरवरी में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वयंभू कमांडर बशीर अहमद पीर की पाकिस्तान के रावलपिंडी में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसी महीने पाकिस्तानी आतंकी संगठन अल बद्र का पूर्व कमांडर सैयद खालिद रजा कराची स्थित अपने आवास के बाहर इसी तरह से मारा गया था, जबकि कश्मीर में जन्मा आतंकवादी एजाज अहमद अहंगर उर्फ अबू उस्मान अल-कश्मीरी कथित तौर पर अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में फरवरी में कथित तौर पर मारा गया था। वह इस्लामिक स्टेट (आईएस) में शामिल हुआ था।
पंजवड़ 1986 में केसीएफ में शामिल हुआ था। बाद में वह संगठन का प्रमुख बन गया और पाकिस्तान चला गया। 1986 में, केसीएफ का नेतृत्व सुखदेव सिंह उर्फ सुक्खा शापई द्वारा किया जा रहा था जो उस समय भारत के पंजाब में एक पुलिस कांस्टेबल के रूप में कार्यरत था। पंजाब के होशियारपुर के टांडा में 1989 में पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में सुक्खा मारा गया और उसके बाद अमृतसर के सुल्तानविंड का कंवरजीत सिंह केसीएफ का प्रमुख बना जबकि परमजीत सिंह पंजवड़ उसका उप प्रमुख बना।