कश्मीर में LoC पर मौजूद इस सबसे आखिरी गांव के लिए ये 15 अगस्त होगा बेहद खास, जानिए क्यों
By विनीत कुमार | Published: July 31, 2020 09:06 AM2020-07-31T09:06:39+5:302020-07-31T09:13:01+5:30
नॉर्थ कश्मीर में इस गांव में आजादी के बाद सालों से केवल तीन घंटे शाम में बिजली मिल पाती थी। ये बिजली भी डीजल जेनरेटर सेट से मुहैया होती थी। अब पहली बार गांव में दिन में भी बिजली है।
भारत समेत पूरी दुनिया में जारी कोरोना संकट के बीच कश्मीर के एक गांव को खास तोहफा इस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मिलने जा रहा है। इसी खास तोहफे की वजह से नॉर्थ कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल के पास मौजूद ये सबसे आखिरी गाांव आजादी के बाद पहली बार 15 अगस्त को लाल किले से होने वाले प्रधानमंत्री के भाषण को लाइव टीवी पर देख सकेगा।
पिछले 73 सालों से इस केरन गांव में बिजली केवल रात को तीन घंटे 6 से 9 के बीच ही आती रही है। ये बिजली भी डीजल जेनरेटर सेट से दी जाती है। यहां करीब 12 हजार परिवार रहते हैं लेकिन इन्हें बिजली नहीं मिलती थी। इस बार हालांकि इस गांव में बड़ा बदलाव हुआ है। दरअसल, पहली बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस गांव के लोगों को दिन में बिजली नसीब होगी।
पावर ग्रिड से पहली बार गांव में आएगी बिजली
गांव में पहली बार पावर ग्रिड से बिजली पहुंची है। इससे न केवल गांव वालों को 24 घंटे बिजली मिल सकेगी बल्कि जेनरेटर के शोर से भी राहत मिलेगी।
एनडीटीवी के अनुसार कुपवाड़ा के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर अंशुल गर्ग ने बताया, 'पिछले करीब एक साल से हमने सीमा के आसपास विद्युतीकरण पर तेजी से काम शुरू किया है और अब हम अपने लक्ष्य को हासिल करने के करीब हैं।' रिपोर्ट के अनुसार केवल बिजली ही नहीं बल्कि सड़कों की हालत में भी सुधार किया गया है।
केरन गांव 6 महीने तक कटा रहा है कुपवाड़ा से
किशन गंगा नदी के किनारे बसा केरन गांव जम्मू-कश्मीर कुपवाड़ा जिले से हर साल करीब 6 महीने तक कटा रहता है। ऐसा इसलिए कि यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है।
गर्ग ने बताया कि इस साल बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) को ठंड की शुरुआत से पहले सड़कों को ठीक करने का जिम्मा दिया गया है। बता दें कि कुपवाड़ा का 170 किलोमीटर का क्षेत्र पाकिस्तान के साथ लाइन ऑफ कंट्रोल से सटा हुआ है और घुसपैठ मार्गों के लिए जाना जाता है।
Amidst breathtaking views and gracious hospitality of Keran - Review of Community Bunkers, new PHC building, upcoming 33KV grid station, Road connectivity, Back to Village & RDD works besides 100% coverage of Central schemes; New thrust to Bordea area development in #kupwarapic.twitter.com/E6Ccpgh6uy
— Anshul Garg (@hello_anshul) July 3, 2020
इसमें पांच विधानसभा क्षेत्र और 356 पंचायत हैं। जम्मू और कश्मीर प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 'इस क्षेत्र के सभी चुनावों में मतदान सबसे ज्यादा होता है।'
गृह मंत्रालय के अनुसार पिछले एक साल में न केवल सीमावर्ती जिलों बल्कि पूरे केंद्र शासित प्रदेश में काफी विकास हुआ है। सरकार का दावा है कि 5,979 करोड़ रुपये की 2,273 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसमें से 506 पूरे भी हो गए हैं जबकि 963 अगले साल यानी 2021 में मार्च तक पूरे हो जाएंगे।