केरलः देश की पहली दृष्टिबाधित महिला IAS ऑफिसर प्रांजल ने संभाली नई जिम्मेदारी, बनीं तिरुवनंतपुरम की उप जिलाधिकारी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 14, 2019 03:09 PM2019-10-14T15:09:25+5:302019-10-14T16:33:41+5:30
प्रांजल मुंबई से सटे उल्हासनगर की रहने वाली हैं। 6 साल की उम्र में ही प्रांजल की आंख की रोशनी चली गई थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई नेत्रहीनों के कमला मेहता स्कूल में की।
देश की पहली महिला दृष्टिबाधित आईएएस अधिकारी प्रांजल पाटिल ने तिरुवनंतपुरम के उप जिलाधिकारी का चार्ज संभाल लिया है। उन्होंने 2017 में यूपीएससी में 124वीं रैंक हासिल की थी। ट्रेनिंग के बाद उन्होंने केरल के एरनाकुलम से बतौर उप जिलाधिकारी अपने करियर की शुरुआत की थी। प्रांजल ने अपनी कामयाबी का श्रेय माता पिता को दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रांजल ने 2016 की यूपीएससी परीक्षा में 773वीं रैंक हासिल की थी। उन्हें भारतीय रेलवे लेखा सेवा आवंटित की गई थी। उस वक्त ट्रेनिंग के दौरान रेलवे ने 100 फीसदी नेत्रहीनता के आधार पर नौकरी देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और बेहतर रैंक हासिल की।
प्रांजल मुंबई से सटे उल्हासनगर की रहने वाली हैं। 6 साल की उम्र में ही प्रांजल की आंख की रोशनी चली गई थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई नेत्रहीनों के कमला मेहता स्कूल में की। स्कूली दिनों से ही प्रांजल बेहद प्रतिभावान छात्रा थी। आज वो अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। देश की पहली दृष्टिबाधित महिला आईएएस अधिकारी प्रांजल पाटिल ने सोमवार को कहा कि उन्होंने ‘‘कभी भी हार नहीं मानी।’’
Kerala: Pranjal Patil, India’s first visually challenged woman IAS officer takes charge as Sub Collector of Thiruvananthapuram. pic.twitter.com/opUn08uu6X
— ANI (@ANI) October 14, 2019
केरल कैडर की अधिकारी पाटिल ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए क्योंकि हमारे प्रयासों से हम सभी को वह सफलता मिलेगी जो हम चाहते हैं।’’ महाराष्ट्र के उल्हासनगर की रहने वाली पाटिल (30) ने उस समय अपनी आंख की रोशनी खो दी थी, जब वह मात्र छह वर्ष की थी। उन्होंने 2016 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में 773वीं रैंक हासिल की थी और अगले वर्ष इसमें सुधार करते हुए 124वीं रैंक हासिल की। पाटिल को उनकी प्रशिक्षण अवधि के दौरान एर्नाकुलम सहायक कलेक्टर नियुक्त किया गया था।