केरल पुलिसकर्मियों को न्यायिक अधिकारियों के साथ बातचीत की क्लिप प्रसारित नहीं करने का निर्देश
By भाषा | Published: September 14, 2021 07:51 PM2021-09-14T19:51:19+5:302021-09-14T19:51:19+5:30
तिरुवनंतपुरम, 14 सितंबर केरल के पुलिस प्रमुख अनिल कांत ने एक परिपत्र जारी करके पुलिसकर्मियों को न्यायिक अधिकारियों की रिकॉर्ड की गई टेलीफोन पर बातचीत को सोशल मीडिया के जरिये प्रसारित नहीं करने का निर्देश दिया है। कांत ने कहा कि ऐसा करने से पूरी न्यायपालिका की प्रतिष्ठा धूमिल होगी।
यह परिपत्र तिरुवनंतपुरम जिले में प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट के साथ हुई बातचीत को पुलिस के एक अधिकारी द्वारा रिकॉर्ड करने और ‘वॉयस क्लिप’ को सोशल मीडिया पर जारी करने के कृत्य पर केरल उच्च न्यायालय द्वारा ध्यान दिये जाने के बाद 11 सितंबर को जारी किया गया।
मजिस्ट्रेट को मोबाइल फोन पर बातचीत में पुलिस अधिकारी के लिए अप्रिय शब्दों का प्रयोग करते हुए सुना गया।
मामले में हस्तक्षेप करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि पुलिस कर्मियों के कृत्य से न्यायपालिका की छवि धूमिल हुई है। उच्च न्यायालय ने राज्य के पुलिस प्रमुख को इस संबंध में सामान्य निर्देश जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
परिपत्र में कहा गया है, ‘‘उपरोक्त परिस्थितियों में, सभी पुलिस अधिकारियों या कर्मियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करते समय अधिक सतर्क रहने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निर्देशित किया जाता है, जो जनता के सामने न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल करे।’’
सभी जिला पुलिस प्रमुखों को भेजे गए परिपत्र में राज्य के पुलिस प्रमुख ने यह भी कहा कि अब से पुलिस अधिकारियों या कर्मियों की ओर से इस तरह के किसी भी कृत्य को गंभीरता से लिया जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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