केरल उच्च न्यायालय ने ताहा फजल को दी गई जमानत रद्द की

By भाषा | Updated: January 4, 2021 23:11 IST2021-01-04T23:11:51+5:302021-01-04T23:11:51+5:30

Kerala High Court revokes bail granted to Taha Fazal | केरल उच्च न्यायालय ने ताहा फजल को दी गई जमानत रद्द की

केरल उच्च न्यायालय ने ताहा फजल को दी गई जमानत रद्द की

कोच्चि (केरल), चार जनवरी केरल उच्च न्यायालय ने एक विशेष एनआईए अदालत के आदेश को निरस्त करते हुए गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किए गए छात्र ताहा फजल को मिली जमानत सोमवार को रद्द कर दी।

फजल उन दो छात्रों में शामिल है, जिन्हें माओवादियों के साथ कथित संबंध के मामले में यूएपीए के तहत नवंबर 2019 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था।

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने फजल को दी गई जमानत रद्द कर दी, लेकिन अल्लान शुहैब की कम उम्र को देखते हुए उसकी जमानत मंजूर कर ली।

अदालत ने फजल को निचली अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया।

अदालत ने एनआईए की विशेष अदालत को भी एक साल में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति ए हरिप्रसाद और के हरिपाल की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि जब व्यक्तिगत अधिकारों के सामने राष्ट्रीय हित और सुरक्षा हों तो दूसरे को वरीयता दी जाती है।

यहां की एक विशेष अदालत ने पिछले साल सितंबर में फजल और शुहैब की जमानत मंजूर कर ली थी, जिसे एनआईए ने एक याचिका दायर कर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

अदालत ने अपने फजले में कहा, “….हमें इसमें कोई संदेह नहीं कि अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पवित्र हैं। अदालत इनकी सुरक्षा के लिये बाध्य हैं।”

पीठ ने कहा, “इसी के साथ, व्यक्तिगत अधिकार राष्ट्रीय हित में समाहित हैं। जब व्यक्तिगत अधिकार राष्ट्रीय हित और सुरक्षा के खिलाफ होते हैं तो दूसरा प्रभावी होना चाहिए। नतीजतन, प्रतिवादी को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश को बरकरार नहीं रखा जा सकता।”

अदालत ने हालांकि शुहैब की उम्र और स्वास्थ्य समेत अन्य स्थितियों पर गौर करने के बाद उसे जमानत देने के विशेष एनआईए अदालत के फजले को नहीं बदला।

अदालत ने कहा कि अपराध का पता चलने के वक्त उसकी उम्र महज 20 वर्ष थी और उसके पास से बरामद सामग्री भी दूसरे आरोपी (फजल) से मिली सामग्री की तुलना में कम गंभीर है।

एनआईए अदालत ने उनकी जमानत मंजूर करते हुए टिप्पणी की थी कि याचिकाकर्ता किसी प्रभावशाली पृष्ठभूमि से संबंध नहीं रखते और वे मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रहते हैं।

उसने कहा था, ‘‘मुझे नहीं लगता कि याचिकाकर्ताओं की जमानत मंजूर करने से न्याय को किसी प्रकार का खतरा होगा।’’

फजल और शुहैब क्रमशः पत्रकारिता और कानून के छात्र हैं। वे माकपा की शाखा समिति के सदस्य हैं। उन्हें दो नवम्बर, 2019 को कोझिकोड से गिरफ्तार किया गया था। वाम शासित राज्य में उनकी गिरफ्तारी की व्यापक आलोचना हुई थी।

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Web Title: Kerala High Court revokes bail granted to Taha Fazal

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