केरल उच्च न्यायालय ने बेटियों को रिहाई के बदले माता-पिता से पांच लाख रुपये मांगने पर पुलिस अधिकारियों की खिंचाई की

By भाषा | Published: November 1, 2021 05:48 PM2021-11-01T17:48:57+5:302021-11-01T17:48:57+5:30

Kerala High Court pulls up police officers for demanding Rs 5 lakh from parents in return for release of daughters | केरल उच्च न्यायालय ने बेटियों को रिहाई के बदले माता-पिता से पांच लाख रुपये मांगने पर पुलिस अधिकारियों की खिंचाई की

केरल उच्च न्यायालय ने बेटियों को रिहाई के बदले माता-पिता से पांच लाख रुपये मांगने पर पुलिस अधिकारियों की खिंचाई की

कोच्चि, एक नवंबर केरल उच्च न्यायालय ने दिल्ली के रहने वाले एक दंपति का ‘‘उत्पीड़न’’ करने के लिए सोमवार को पुलिस की जमकर खिंचाई की जिन्हें अपनी गायब बेटियों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी गई केरल पुलिस के दल के रहने और यात्रा का खर्च उठाना पड़ा। अदालत ने कहा कि ‘‘क्या उनके (अधिकारियों) पास आत्मसम्मान भी नहीं बचा।’’

न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने कहा कि किस तरह संबंधित अधिकारियों ने लापता बेटियों को लेकर चिंतित अभिभावकों से दिल्ली की यात्रा करने और वहां ठहरने का खर्च देने के लिए बाध्य किया।

अदालत ने पुलिस से कहा कि किस तरह से उच्चाधिकारियों को पता नहीं चला कि उनके अधिकारियों ने किस तरह से दिल्ली की यात्रा की क्योंकि राज्य से बाहर ड्यूटी पर जाने वाले अधिकारियों को अपने उच्चाधिकारियों को सूचित करना होता है।

अदालत ने कहा, ‘‘अगर ऊपर के अधिकारियों को इस बारे में पता नहीं चला तो यह दिखाता है कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। कोई जिम्मेदारी नहीं दिखती। इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं कि पुलिस इस तरह की है।’’

अदालत ने कहा, ‘‘आप कैसे पीड़ितों (अभिभावकों) का उत्पीड़न कर रहे हैं? वे किस तरह के पुलिस अधिकारी हैं? क्या उनके पास आत्मसम्मान भी नहीं है।’’

अदालत ने सवाल किया कि माता पिता द्वारा लगाये गए आरोपों के सिलसिले में क्या इस मामले में संलिप्त किसी अधिकारी को निलंबित किया गया है? अदालत ने कहा , ‘‘यह बहुत ही गंभीर मामला है। आपने एक परिवार को ही बर्बाद कर दिया।’’

अदालत ने इस तथ्य का भी जिक्र किया कि पुलिस द्वारा इन अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गयी जांच कार्यवाही के बारे में एक बयान के अनुसार इनमें से एक व्यक्ति को धोखाधड़ी के मामले में निलंबित किया गया है जबकि अन्य को सिर्फ तबादला ही किया गया है।

अदालत एक अखबार की खबर के आधार पर स्वत: संज्ञान लेकर एक याचिका की सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया कि पुलिस ने लड़कियों को वापस अभिभावकों को देने के लिए न केवल पांच लाख रुपये की मांग की बल्कि अपनी बहनों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने के आरोप में दंपति के दो बेटों को भी गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने अदालत में सोमवार को दावा किया कि पुलिस और मजिस्ट्रेट के समक्ष बड़ी बेटी के बयान के आधार पर उनके बेटों के खिलाफ कार्रवाई की गई। दूसरी ओर, अदालत के आदेश पर मामले को देख रहे केरल राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकरण (केलसा) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 19 वर्ष और 14 वर्ष की दोनों बेटियों ने दावा किया है कि उनके भाई उन्हें बहुत प्यार करते हैं और उनके साथ उन्होंने कोई दुर्व्यवहार नहीं किया।

केलसा ने अदालत को बताया कि पुलिस के दबाव में उन्होंने अपने भाईयों के खिलाफ गलत आरोप लगाए।

खबर के मुताबिक, दोनों बहनें 35 हजार रुपये लेकर बड़ी बहन के ऑनलाइन दोस्त से मिलने दिल्ली चली गई थीं।

पुलिस टीम ने दिल्ली में लड़कियों का पता लगाया और शुरुआती जांच में पता चला कि बड़ी बहन से उसके ऑनलाइन दोस्त और एक अन्य व्यक्ति ने बलात्कार किया।

खबर में दावा किया गया कि टीम ने लड़की के दोस्त को गिरफ्तार कर लिया और उसे तथा दोनों बहनों को लेकर यहां आई तथा लड़की के अभिभावकों से उन्हें रिहा करने के बदले पांच लाख रुपये की मांग की।

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