केरल में निपाह दस्तक, वायरस से छात्र संक्रमित, 86 निगरानी में, केंद्र का छह सदस्यीय दल केरल रवाना, पिछले साल 17 मरे थे
By भाषा | Published: June 4, 2019 12:57 PM2019-06-04T12:57:45+5:302019-06-04T12:57:45+5:30
केरल की स्वास्थ्य मंत्री के शैलजा ने बताया कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में छात्र के रक्त के नमूने की जांच की गई जिसमें निपाह की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि जांच की रिपोर्ट मंगलवार सुबह आई।
कॉलेज के एक छात्र के निपाह वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद केंद्र ने मंगलवार को केरल के लिए छह सदस्यीय टीम को भेजा है। पिछले साल मई में राज्य में इस वायरस से 17 लोगों की मौत हो गयी थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा से भी मौजूदा स्थिति पर चर्चा की और केंद्र की ओर से राज्य को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि संदिग्ध मरीजों की जल्द पहचान करने और एकांत सुविधा की समीक्षा के वास्ते भेजी गयी छह सदस्यीय टीम में बीमारी से जुड़े एक विशेषज्ञ डॉक्टर भी हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि एक नियंत्रण कक्ष और राष्ट्रीय बीमारी नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के स्ट्रैटजिक हेल्थ ऑपरेशन सेंटर (एसएचओसी) को सक्रिय किया गया है और इसका फोन नंबर 011-23978046 है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक निपाह वायरस से पिछले साल मई में 17 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें कोझिकोड में 17 लोगों की और मलप्पुरम में तीन लोगों की मौत हो गयी थी।
शैलजा ने मंगलवार को कहा कि निपाह वायरस से 23 वर्षीय छात्र के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और 86 अन्य लोगों को चिकित्सकीय निरीक्षण में रखा गया है । राज्य की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि निजी अस्पताल में इलाज करा रहे छात्र की हालत स्थिर है और उसे वेंटिलेटर जैसे किसी सपोर्ट सिस्टम पर नहीं रखा गया है।
एर्नाकुलम जिले का प्रभावित छात्र इडुक्की जिले के थोडूपुझा में पढ़ाई कर रहा है। हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘मैंने केंद्र सरकार की ओर से से हरसंभव मदद के लिए आश्वस्त किया है। हम वन्यजीव और वन विभाग के भी संपर्क में हैं क्योंकि वायरस के लिए चमगादड़ों का परीक्षण किया जाना है।
मुझे लगता है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है।’’ केंद्रीय मंत्री ने तैयारियों की समीक्षा के लिए मंत्रालय के अधिकारियों के साथ यहां बैठक की। केरल सरकार ने संक्रमितों की पहचान, निगरानी आदि व्यवस्था के लिए कदम उठाए हैं । इसके अलावा संस्थानों में त्वरित कार्रवाई टीमें बनायी गयी है । मेडिकल कॉलेज एर्नाकुलम में एक हेल्प डेस्क बनाया गया है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने मंगलवार को बताया कि 23 वर्षीय कॉलेज छात्र को निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो गई है जबकि 86 अन्य को निगरानी में रखा गया है।
उन्होंने बताया कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में छात्र के रक्त के नमूने की जांच की गई जिसमें निपाह के संक्रमण की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि जांच की रिपोर्ट मंगलवार को सुबह आई। इससे पहले दो विषाणु विज्ञान संस्थानों - मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और केरल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज़ेज में भी रक्त के नमूनों की जांच की गई थी।
शैलजा ने बताया कि यहां के एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन छात्र की हालत स्थिर है और उसे वेंटीलेटर जैसी किसी जीवन रक्षक प्रणाली पर नहीं रखा गया है। उन्होंने बताया, ‘‘मरीज की ठीक से देखभाल की जा रही है। कभी-कभार मरीज बुखार के कारण बैचेन हो जाता है... हम अच्छे परिणाम की उम्मीद करते हैं।’’
मंत्री ने आगे बताया कि छात्र से संपर्क करने वाले 86 लोगों की एक सूची तैयार की गई है और उन्हें चिकित्सा निगरानी में रखा गया है। उन्होंने बताया कि 86 में से दो बुखार से पीड़ित हैं और एक को यहां के कलमसेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बनाए गये अलग-थलग वार्ड में रखा गया है।
मरीज की शुरुआत में देखभाल करने वाली दो नर्सों ने गले में खराश और बुखार की शिकायत की और स्वास्थ्य विभाग उन पर भी नजर रख रहा है। मंत्री ने लोगों से दहशत में नहीं आने और बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती उपाय करने को कहा।
Kerala Health Minister KK Shailaja on 1 person tested positive of #NipahVirus: Out of 86 patients suspected, 2 were admitted. 2 nurses who treated the patient initially have sore throat & fever. Sample of second patient will be sent to NIV Alappuzha, Manipal Laboratory & NIV Pune pic.twitter.com/ki0J7e3zgy
— ANI (@ANI) June 4, 2019
लोगों में विश्वास बहाली का प्रयास करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि हम इसका सामना कर सकते हैं। हमने पिछले साल कोझीकोड में इसका सामना किया था और इसे काबू किया था।’’ सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वालों से जनता में दहशत न फैलाने की अपील करते हुए मंत्री ने कहा कि इस तरह के कृत्यों में शामिल पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने उल्लेख किया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने भरोसा दिया है कि बीमारी से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलिया में विकसित एनवाईवी रोधक एक दवा राज्य को प्रदान की जाएगी। निपाह वायरस का नाम मलेशिया के एक गांव सुनगई निपाह पर रखा गया है जहां पहली बार इसका पता चला था।
Union Health Minister Harsh Vardhan on #NipahVirus: Today morning I have called a meeting at my residence with all the officers including health secretary. Yesterday itself we had dispatched a team of six officers to Kerala. pic.twitter.com/HepUeJdYXj
— ANI (@ANI) June 4, 2019
इससे पहले दो विषाणु विज्ञान संस्थानों - मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और केरल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज में रक्त के नमूनों की जांच की गई थी।
निपाह वायरस क्या है (What is Nipah Virus)
फिजिशियन एंड इंटरवेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर केके अग्रवाल के अनुसार, निपाह वायरस से होने वाला इन्फेक्शन जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह वायरस जानवरों और इंसानों में गंभीर किस्म की बीमारी पैदा करता है। इस वायरस का प्रारंभिक स्रोत फल चूसने वाले चमगादड़ हैं। इस जानलेवा वायरस का कोई इलाज नहीं है। यह मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिए जानलेवा बन सकता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार निपा वायरस का उपहार टेरोपस जीनस नामक एक खास नसल के चमगादड़ से मिला है।