केरल: मस्जिद ने दी 17 बाढ़ पीड़ित हिन्दू परिवारों को पनाह, भाईचारे की इस मिसाल की हो रही है तारीफ
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 22, 2018 06:07 PM2018-08-22T18:07:50+5:302018-08-22T18:07:50+5:30
केरल पिछले 100 साल की सबसे भयानक बाढ़ से जूझ रहा है। बाढ़ और बारिश में अब तक 370 लोगों की मौत हो चुकी है। सात लाख से ज्यादा लोग बाढ़ और बारिश की वजह से बेघर हो चुके हैं।
तिरुवनंतपुरम, 22 अगस्त (भाषा)केरल में लगातार बारिश के बाद बने बाढ़ के हालात ने धर्म और जाति के अंतर को दूर कर दिया है जिसका उदाहरण यहां की एक मस्जिद है जिसने हिंदुओं समेत सभी धर्म के लोगों के लिए अपने दरवाजे खोल दिये हैं।
बाढ़ की संकट वाली स्थिति के बीच सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिलों में शामिल उत्तरी मलप्पुरम की एक मस्जिद ने 17 विस्थापित हिंदू परिवारों को शरण दी है जिसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं।
चलियार गांव के अकमपाडम में स्थित जुमा मस्जिद आठ अगस्त को उत्तरी जिलों में बाढ़ आने के बाद से राहत शिविर में तब्दील हो गयी है।
धर्म और जाति से परे मस्जिद में सोने के लिए विस्थापित लोगों को आश्रय दिया जा रहा है। उन्हें कैंटीन में तैयार खाना मिलता है और घर वापसी के समय दाल, चावल और अन्य खाद्य सामग्री भी दी जा रही है।
चलियार गांव पंचायत के प्रमुख पी टी उस्मान ने कहा कि जुमा मस्जिद में जिन 78 लोगों ने शरण ली, उनमें से अधिकतर हिंदू हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मस्जिद में शरण लेने वाले 26 परिवारों में से अधिकतर हिंदू हैं। हमने आठ अगस्त को मस्जिद में राहत शिविर खोला था, लेकिन 14 अगस्त के बाद ही यहां गतिविधियां पूरी तरह शुरू हो सकीं।’’
केरल पिछले 100 साल की सबसे भयानक बाढ़ से जूझ रहा है। बाढ़ और बारिश में अब तक 370 लोगों की मौत हो चुकी है। सात लाख से ज्यादा लोग बाढ़ और बारिश की वजह से बेघर हो चुके हैं।
हालाँकि पिछले कुछ दिनों से बारिश में कमी आने से बाढ़ में राहत मिली है। भारतीय सेना के विभिन्न दस्ते और एनडीआरएफ भी केरल में राहत एवं बचाव कार्य में संलग्न हैं।
केंद्र सरकार ने केरल को 600 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी है। देश के प्रमुख राज्यों ने भी केरल की आर्थिक मदद की है। रेडक्रास सोसाइटी समेत कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं।