कठुआ गैंगरेप मामलाः डीएनए टेस्ट से हुई पुष्टि, पीड़िता के कपड़ों पर था आरोपियों का खून
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 20, 2018 04:02 PM2018-04-20T16:02:58+5:302018-04-20T16:02:58+5:30
DFL की रिपोर्ट: कठुआ गैंगरेप केस में बढ़ी आरोपियों की मुश्किलें, दिल्ली फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट ने मजबूत किया चार्जशीट का दावा।
नई दिल्ली, 20 अप्रैलः जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की मासूम बच्ची से गैंगरेप के बाद हत्या मामले में कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं। दिल्ली फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट आने के बाद एसआईटी की चार्जशीट को मजबूती मिली है और आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुलिस और एसआईटी के लिए उस वक्त मुसीबत खड़ी हो गई थी जब आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप और हत्या के पुख्ता फॉरेंसिक सबूत उपलब्ध नहीं थे। दरअसल, पीड़िता की हत्या के बाद उसके कपड़े धुल दिए गए थे जिससे स्थानीय फॉरेंसिक लैब में कोई खून के नमूने नहीं पाए गए। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने गृहमंत्रालय से मदद की मांग की थी।
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मार्च महीने में पीड़िता के खून का सैम्पल दिल्ली फॉरेंसिक लैब भेजा गया था। साथ ही आरोपी दीपक खजुरिया, शुभम सांगणा और परवेश के खून सैम्पल भी भेजे गए। मंदिर से बरामद एक लकड़ी का टुकड़ा जिसपर खून के निशान थे उसे भी लैब भेजा गया। इसके अलावा सभी आरोपियों के बाल भी भेजे गए।
दिल्ली फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के कपड़ों में जो खून के निशान पाए गए हैं वो आरोपियों के डीएनए से मैच कर गए हैं। दिल्ली फॉरेंसिक लैब ने वजाइनल स्मियर्स में भी पीड़िता का खून पाया है। इसके अलावा मंदिर से खून का जो सैम्पल भेजा गया था उसका डीएनए भी बकरवाल समुदाय की आठ वर्षीय पीड़िता से मैच कर गया है। क्राइम सीन से जो बाल के नमूने लैब भेजे गए थे उनका डीएनए आरोपी शुभम सांगणा से मैच कर गया है।