श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही हिरासत में चल रहे राज्य के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्लाह को रिहा किया कर दिया गया है। फारूक अब्दुला को सात महीने तक हिरासत में रखा गया। जम्मू-कश्मीर सरकार ने फारूक की रिहाई का आदेश जारी कर दिया है। आर्टिकल 370 हटने के बाद यानी 5 अगस्त को फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया था।
इस सरकारी आदेश के बाद ही नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फ़ारुख़ अब्दुल्ला ने कहा कि मैं राज्य के नेताओं,लोगों और देश के बाकी हिस्सों के लोगों का आभारी हूं जिन्होंने हमारी आज़ादी के लिए आवाज़ उठाई। लेकिन, आज़ादी तब पूरी होगी जब सभी नेता रिहा होंगे। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार सभी को रिहा करने की कार्रवाई करेगा।
इसके साथ ही 220 दिन के बाद रिहा होने के बाद अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि अब दिल्ली जाकर संसद में आप सबकी बात रख सकता हूं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फ़ारुख़ अब्दुल्ला:मैं राज्य के नेताओं,लोगों और देश के बाकी हिस्सों के लोगों का आभारी हूं जिन्होंने हमारी आज़ादी के लिए आवाज़ उठाई। लेकिन आज़ादी तब पूरी होगी जब सभी नेता रिहा होंगे। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार सभी को रिहा करने की कार्रवाई करेगा। https://t.co/iJFM8sAp13pic.twitter.com/eEpXAP5wVf— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 13, 2020
जम्मू और कश्मीर प्रमुख सचिव योजना रोहित कंसल ने कहा, सरकार ने फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी को खत्म करने का आदेश दिया है।
दरअसल, फारूक अब्दुल्ला को 5 अगस्त से नजरबंद रखा गया था। लेकिन सरकार ने 15 सितंबर 2019 को पब्लिक सेफ्टी एक्ट का केस दर्ज किया था। राज्य के गृह सचिव शालीन काबरा ने एक आदेश में कहा कि 17 सितंबर को अब्दुल्ला पर लगाया गया पीएसए को हटा दिया गया है। अब्दुल्ला पर लगाये गये पीएसए की अवधि 13 दिसंबर को बढ़ा दी गई थी। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होता है।