केरल के कसारगोड़ जिले में कन्नड नामों को बदलने पर कर्नाटक के नेताओं को आपत्ति
By भाषा | Updated: June 27, 2021 20:07 IST2021-06-27T20:07:53+5:302021-06-27T20:07:53+5:30

केरल के कसारगोड़ जिले में कन्नड नामों को बदलने पर कर्नाटक के नेताओं को आपत्ति
बेंगलुरु, 27 जून कर्नाटक की सीमा से लगने वाले केरल के कसारगोड़ जिले में कुछ जगहों के कन्नड नाम को बदलने की खबरों पर जनता दल (सेक्यूलर) और भाजपा के एक सासंद ने आपत्ति जताई है।
मैसूरु के भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के मुताबिक मधुरू को मधुरम के नाम से जाना जाएगा, जबकि मल्ला-मल्लम, करादका- कदगम, बेदादका—बेदागांव, कुंबले- कुंबला, पिलीकुंजे- पिलीकुन्नू, अनेबागिलु- अनावादुक्कल, होसादुर्गा-पुडियाकोटा, ससीहित्लू-थैवालप्पू और महासतीगुंडी-मस्तीकुंडू के नाम से जाने जाएंगे।
सिम्हा ने एक ट्वीट में मांग की कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा मामले में दखल दें और ऐसे नामों को बदलने से रोकने के लिये केरल के अपने समकक्ष पिनराई विजयन से बात करें।
जद(एस) के वरिष्ठ नेता एचडी कुमारस्वामी ने सिलसिलेवार किये गए ट्वीट में केरल में विजयन के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करते हुए कहा, कसारगोड़ में मलयालियों के साथ सौहार्दपूर्ण रूप से रह रहे कन्नडभाषियों की “भावनाओं की सुरक्षा” करें। गौरतलब है कि उनकी पार्टी केरल में एलडीएफ सरकार की सहयोगी पार्टी है।
उन्होंने कसारगोड़ को भाषायी और सांस्कृतिक सौहार्द का प्रतीक बताया।
जद(एस) नेता ने कहा, “कसारगोड़ में मलयाली और कन्नडभाषी यद्यपि समान संख्या में हैं वे एक दूसरे की प्रेरणा व प्रशंसा के साथ सौहार्दपूर्ण रूप से रहते हैं।”
कुमारस्वामी ने कहा, “भाषा को लेकर कभी कोई विरोध नहीं रहा और भविष्य में भी इसे बरकरार रखे जाने की जरूरत है। संवेदना आधारित राजनीति के इस दौर में भाषायी एकजुटता अनिवार्य है।
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