कर्नाटक सरकार का कोरोना राहत चेक हुआ बाउंस, सीएम बसवराज बोम्मई ने दिये जांच के आदेश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 21, 2022 06:07 PM2022-01-21T18:07:00+5:302022-01-21T18:07:00+5:30
पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने उन बीपीएल परिवारों को 1 लाख रुपये के सहायता राशि देने का ऐलान किया था, जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण घर के कमाने वाले सदस्य को खो दिया था।
कर्नाटक सरकार की ओर से कोविड महामारी की मद में जारी 1 लाख रुपये की सहायता राशि का चेक बाउंस हो गया है। यह मामला उत्तर कर्नाटक के यादगीर जिले का बताया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक बीते साल दिसंबर की 17 तारीख को शोरापुर के विधायक नरसिम्हा नायक (राजू गौड़ा) ने राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 पीड़ितों के परिजनों को सहायता चेक का वितरण किया था।
यह चेक सरकार की ओर से गरीबी रेखा से नीचे उन परिवारों को दिये गये थे, जिनके परिजन कोरोना महामारी के शिकार हो गये थे। अब उन्हीं पीड़ितों के परिजनों ने शिकायत की है कि राज्य सरकार से उन्हें मुआवजे के चेक बाउंस हो गए हैं।
इस मामले में पीड़ित परिवार के सदस्यों का कहना है कि जब उन्होंने इस बाबत बैंकों से दरियाफ्त की तो उन्होंने इसके लिए कई कारण बताए और मालमें में सहायता राशि मिलने का आश्वासन दिया लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।
वहीं इस मामले में शिकायत मिलने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को बेंगलुरु में पत्रकारों से कहा कि कोविड-19 की सहायता राशि के चेक बाउंस मामले में उन्हें रिपोर्ट मिली थी, जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को तत्काल निर्देश दिया कि इसे ठीक करें।
सीएम बोम्मई ने बताया कि चेक बाउंस के मामले केवल यादगीर जिले में हुए हैं। अधिकारियों को मैंने निर्दश दिया है कि इसे ठीक करें और तुरंत मुआवजा जारी करें।
वहीं शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए विधायक नरसिम्हा नायक ने कहा कि इस मामले की जानकारी मुझे भी मिली है। मैं इस मुद्दे की जांच करने और तुरंत मुआवजा जारी करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रहा हूं। यह हमारे सरकार के लिए बड़े ही शर्म की बात है।
मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर में पिछले साल यादगीर जिले के बसाना गौड़ा की बेटी अनीता को विधायक नायक ने राज्य सरकार की ओर से सहायता राशि के तौर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 1 लाख रुपये का मुआवजा चेक दिया था।
सरकार से मिले हुए चेक को अनीता ने अपने कर्नाटक ग्रामीण बैंक के खाते में जमा कर दिया। लेकिन जब खाते में पैसे नहीं आये तो उनके बैंक ने कहा कि आप स्टेट बैंक से पूछताछ करें।
जब अनीता ने स्टेट बैंक की यादगीर शाखा से संपर्क किया तो शाखा में मौजूद अधिकारी उन्हें चेक के बारे में कोई सूचना नहीं दे पाये। कुछ दिनों के बाद अनीता को एक रसीद मिली, जिसमें लिखा था कि चेक 'अन्य कारणों' से बाउंस हो गया।
चेक बाउंस के मामले में केवल एक अनीता ही नहीं है, बल्कि यादगीर के अन्य कोविड पीड़ित परिवारों के साथ भी ऐसा ही हुआ है। गौरतलब है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने गरीबी रेखा के नीचे आने वाले उन परिवारों को 1 लाख रुपये के मृत्यु मुआवजे की घोषणा की थी, जिन्होंने महामारी के कारण घर में कमाने वाले सदस्य को खो दिया था।