कर्नाटक: विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शुरू हुआ सीएम कैडिडेट को लेकर विवाद, सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार में बंटा खेमा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 24, 2022 03:04 PM2022-07-24T15:04:16+5:302022-07-24T15:09:47+5:30
कर्नाटक में साल भर बाद विधानसभा चुनाव होने वाला है, लेकिन उससे पहले खबर आ रही है कि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के बीच भीतरखाने की टशल चल रही है।
बेंगलुरु:कर्नाटक कांग्रेस अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही आपसी रार की शिकार हो रही है। प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा के साथ दो-दो हाथ करने की तैयारी की बजाय प्रदेश कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व आपसी गुटबाजी को हवा देने में लगा हुआ है। यही कारण है कि कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश भाजपा के खिलाफ खेमेबंदी करने की जगह पारस्परिक दुश्मनी को ज्यादा तरजीह दे रही है।
इसका प्रमुख कारण बताया जा रहा है मौजूदा प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के बीच भीतरखाने चल रही टशल को। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के दोनों गुट भगवा पार्टी से मुकाबला करने की बजाय आपसी जंग के लिए अपने ही कार्यकर्ताओं के बीच लामबंदी कर रहे हैं।
यही कारण है कि डी के शिवकुमार और सिद्दारमैया के वफादार नेताओं के बीच जुबानी जंग काफी तेज चल रही है और दोनों गुट अपने नेता को सीएम कैंडिडेट घोषित करने की मुहिम में लगे हुए हैं।
यह बात खुलकर उस समय सामने आ गई थी, जब सूबे के कांग्रेस विधायक ज़मीर अहमद ने पूर्व सीएम सिद्दारमैया के पक्ष में खुलकर बोला था और कहा था कि कांग्रेस आलाकमान उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये। विधायक जमीर अहमद के बयान से तिलमिलाये डीके शिवकुमार ने शनिवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विधायकों को व्यक्ति पूजा की बजाय पार्टी को सत्ता में लाने के लिए काम करना चाहिए।
बताया जा रहा है कि डीके शिवकुमार का यह बयान सिद्धरमैया खेमे को पसंद नहीं आया और इस कारण कयास लगाये जा रहे हैं कि जैसे-जैसे कर्नाटक विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर होने वाली लड़ाई और भी विकराल हो सकती है।
डीके शिवकुमार के बयान के बाद विधायक जमीर अहमद ने कहा, "अगर हमारे प्रदेश अध्यक्ष मेरे बयान से नाराज हो जाते हैं तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं? मैंने अपनी राय रखी है। सीएम कैंडिडेट कौन होगा, इस बात का फैसला पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और हमारे वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को तय करना है। मैंने तो अपनी निजी राय दी है कि कांग्रेस के सीएम कैंडिडेट सिद्दारमैया को ही बनना चाहिए।"
इसके साथ विधायक जमील ने संविधान द्वारा प्रदत्त अपनी राय रखने के अधिकार का हवाला देते हुए कहा, "लोकतंत्र में सभी को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है और इसमें गलत बात क्या है। मैं पार्टी अध्यक्ष डीके शिवकुमार का भी सम्मान करता हूं।"