कर्नाटक उपचुनावः घर में हारे पूर्व पीएम देवगौड़ा, एक्स सीएम कुमारस्वामी, भाजपा ने जदएस के गढ़ मांडया में लगाई सेंध
By भाषा | Published: December 9, 2019 04:59 PM2019-12-09T16:59:12+5:302019-12-09T16:59:12+5:30
भाजपा ने पांच दिसंबर को हुए विधानसभा उपचुनाव में चिक्कबल्लापुरा और गोकक सीटों पर भी अपना खाता खोला है। सोमवार को घोषित उपचुनाव के नतीजों के मुताबिक मांडया जिले में के आर पेट सीट पर भाजपा उम्मीदवार नारायण गौड़ा ने जद(एस) के बीएल देवराज को 9,700 वोटों के अंतर से हराया।
कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा ने जद(एस) का गढ़ माने जाने वाले मांडया जिले में पहली बार जीत दर्ज कर सोमवार को इतिहास रच दिया। वहां वोक्कालिगा समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है।
भाजपा ने पांच दिसंबर को हुए विधानसभा उपचुनाव में चिक्कबल्लापुरा और गोकक सीटों पर भी अपना खाता खोला है। सोमवार को घोषित उपचुनाव के नतीजों के मुताबिक मांडया जिले में के आर पेट सीट पर भाजपा उम्मीदवार नारायण गौड़ा ने जद(एस) के बीएल देवराज को 9,700 वोटों के अंतर से हराया।
इस सीट पर दशकों से कांग्रेस और जद (एस) का वर्चस्व रहा था तथा भाजपा की कोई मौजूदगी नहीं रही थी। गौड़ा जद(एस) के अयोग्य करार दिए गए उन तीन विधायकों में शामिल हैं जिन्हें भाजपा ने उपुचनाव में टिकट दिया। के आर पेट विधानसभा क्षेत्र में ही मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा का जन्म स्थान बूकनकेरे पड़ता है। उन्होंने इस क्षेत्र में चुनाव से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अपने बेटे बी वाई विजयेंद्र को तैनात किया था।
येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नारायण गौड़ा द्वारा के आर पेट से जीत दर्ज करने से मुझे असीम खुशी मिली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह वही स्थान है जहां मेरा गांव बूकनकेरे स्थित है और जहां मैंने जन्म लिया, लेकिन हम (वहां) चुनाव कभी नहीं जीत सके थे।’’ गौड़ा की जीत पर प्रदेश भाजपा प्रमुख नलिन कुमार कटील ने कहा, ‘‘के आर पेट ओर चिक्कबल्लपुरा जैसे कुछ क्षेत्रों में भाजपा कभी नहीं जीत पाई थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मांडया जद(एस) का गढ़ रहा है लेकिन आज नारायण गौड़ा ने हमें वहां से जीत दिलाई।’’
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में जद(एस) ने मांडया जिले में सभी आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस जिले में वोक्कालिगा समुदाय की अच्छी खासी आबादी है। उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मांडया में निर्दलीय उम्मीदवार एवं अभिनेता से नेता बने समुलता अंबरीश का समर्थन किया था और अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। अंबरीश ने कांग्रेस-जद(एस) के संयुक्त उम्मीदवार एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी को हरा दिया था।
भाजपा ने उपचुनाव में के सुधाकर की जीत के साथ चिक्कबल्लापुरा विधानसभा सीट पर भी जीत दर्ज की। सुधाकर वहां से दो बार कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। उन्होंने भाजपा के टिकट पर इस उपचुनाव में कांग्रेस के एम अंजनप्पा को 34801 वोटों के अंतर से हराया।
वहीं, गोकक सीट पर जरकीहोली बंधुओं के बीच चुनावी मुकाबला रहा। भाजपा के रमेश जरकीहोली ने अपने भाई एवं कांग्रेस उम्मीदवार लखन को 29006 वोटों के अंतर से हराया। उन्होंने यहां भगवा पार्टी की पहली जीत सुनिश्चित की। रमेश कांग्रेस के टिकट पर पांच बार गोकक से जीत चुके हैं।
इस बार उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। सुधाकर और रमेश कांग्रेस के उन 13 अयोग्य करार दिए गए विधायकों में शामिल हैं जिन्हें उपचुनाव में भाजपा ने टिकट दिया।