कर्नाटक भाजपा ने कहा, 'नेहरू देश के विभाजन के जिम्मेदार हैं, इसलिए विज्ञापन में उनकी तस्वीर नहीं लगाई गई'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 15, 2022 03:23 PM2022-08-15T15:23:46+5:302022-08-15T15:30:30+5:30

कर्नाटक भाजपा ने कहा नेहरू देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार थे। बंटवारे के कारण सन 47 में आम लोगों को एक बड़े रक्तपात से गुजरना पड़ा था। इसलिए हम उनकी तस्वीर नहीं लगाएंगे।

Karnataka BJP said, 'Nehru was responsible for the partition of the country, so his picture was not featured in the government advertisement' | कर्नाटक भाजपा ने कहा, 'नेहरू देश के विभाजन के जिम्मेदार हैं, इसलिए विज्ञापन में उनकी तस्वीर नहीं लगाई गई'

कर्नाटक भाजपा ने कहा, 'नेहरू देश के विभाजन के जिम्मेदार हैं, इसलिए विज्ञापन में उनकी तस्वीर नहीं लगाई गई'

Highlightsभाजपा सरकार ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक विज्ञापन जारी किया, जो विवादों के घेरे में हैविज्ञापन में नेहरू की तस्वीर को एक कोने में जबकि सावरकर की तस्वीर को प्रमुखता दी गई हैकर्नाटक भाजपा ने कहा कि नेहरू देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार थे, इसलिए उनकी तस्वीर नहीं दी

बेंगलुरु: देश जब आज आजादी की 75 वर्षगांठ मना रहा है, कर्नाटक में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को लेकर सियासी जंग चल रही है। कर्नाटक की भाजपा सरकार ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर को एक कोने में जगह दी गई थी, जबकि विनायक दामोदर सावरकर को महात्मा गांधी सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ प्रमुखता दी गई है।

राज्य कांग्रेस इस विवाद को मुखरता से उठाते हुए आरोप लगा रही है कि राज्य की बोम्मई सरकार "क्षुद्र" राजनीति कर रही है। मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने तो मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को आरएसएस का "गुलाम" तक कह दिया।

वहीं इस मामले में कर्नाटक भाजपा भी पूरी आक्रामकता के साथ कांग्रेस को जवाब देने के लिए सियासी मैदान में उतर गई और उसने नेहरू को देश के बंटवारे का जिम्मेदार ठहरा दिया।

दरअसल 14 अगस्त को राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी प्रमुख समाचार पत्रो में पूरे पन्ने का विज्ञापन दिया। जिसमें 24 स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरों को साझा करते हुए आजादी के दिन को याद करने का प्रयास किया गया था। चित्रों की श्रृंखला में नीचे की 12 तस्वीरें कर्नाटक से जुड़े हुए स्वतंत्रता सेनानियों की थीं, वहीं हैं और शीर्ष पर चित्रित किये गये 12 महापुरुषों को आजादी के योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है।

पहले शीर्ष 12 में महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, वल्लभभाई पटेल, भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद, सावरकर, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल, बी.आर. अम्बेडकर, लाल बहादुर शास्त्री और मौलाना अबुल कलाम आजाद की तस्वीरें हैं।

विज्ञापन में 'हर घर तिरंगा' लोगो के बगल में एक स्केच के माध्यम से जवाहर लाल नेहरू को 13 चेहरों के तौर पर दर्शाया गया है। इसके साथ ही ऊपर बाईं ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चित्र है, जबकि विज्ञापन में दाहिने शीर्ष कोने में सीएम बोम्मई की तस्वीर लगी हुई है।

इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि विज्ञापन में दिये 24 तस्वीरों के नीचे उन व्यक्तियों के द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन के योगदान का भी संक्षिप्त विवरण है लेकिन चूंकि नेहरू की तस्वीर एक कोने में स्केच के माध्यम से दर्शायी गई है, इसलिए उनके योगदान के विषय में विज्ञापन में कुछ नहीं कहा गया है।

वहीं विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर के नीचे उन्हें "क्रांतिकारी सावरकर" के तौर पर बताते हुए उनके अंडमान-निकोबार कैद की घटना का जिक्र किया गया है।

इस विवादित विज्ञापन के संबंध में कर्नाटक से राज्यसभा के सांसद और कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रभारी जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “नेहरू इस तरह की क्षुद्रता से बचें। कर्नाटक से सीएम अपनी गद्दी बचाने के लिए यह सब कर रहे हैं, जबकि उनके पिता एसआर बोम्मई नेहरू के बड़े प्रशंसक थे और उनके पिता के राजनीतिक गुरु एमएन रॉय नेहरू के मित्र भी थे। यह निंदनीय है।"

मालूम हो कि जनता दल के प्रमुख नेताओं में शामिल एसआर बोम्मई, जो नेहरू से काफी प्रभावित थे, वो अप्रैल 1989 तक आठ महीने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे थे। हालाकि उनके बेटे बसवराज बोम्मई समाजवाद धारा से बहते हुए साल 2008 में जनता दल यूनाइटेड को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।

विज्ञापन विवाद में कांग्रेस के विरोध को मूर्खता करार देते हुए प्रदेश भाजपा के महासचिव एन रवि कुमार ने आजादी की पूर्व संध्या पर कहा था, 'हमने जानबूझकर नेहरू को छोड़ दिया है। जब हम अपने प्रधानमंत्री के आह्वान पर आज विभाजन भयावह स्मरण दिवस मना रहे हैं, तो उनकी तस्वीर का उपयोग करने का क्या मतलब है?'

कर्नाटक भाजपा का आरोप है कि जवाहर लाल नेहरू ने तो स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस को भंग करने के महात्मा गांधी की मांग का भी सम्मान नहीं किया था। एन रवि कुमार ने  कहा, "नेहरू एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने गांधी की बात नहीं मानी और देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार थे। जिसके कारण सन 47 में आम लोगों का एक बड़ा रक्तपात झेलना पड़ा था। इसलिए हम उनकी तस्वीर नहीं लगाएंगे।"

Web Title: Karnataka BJP said, 'Nehru was responsible for the partition of the country, so his picture was not featured in the government advertisement'

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