नई दिल्लीः कांग्रेस के कई राज्य में उठापटक जारी है। पंजाब में सीएम अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच घमासान जारी है।
इस बीच कई बड़े नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव है। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व सांसद और राहुल गांधी टीम के अहम सदस्य जितिन प्रसाद ने भाजपा ज्वाइन कर ली। प्रसाद केंद्र में मंत्री रह चुके हैं।
जितिन के कांग्रेस छोड़ने के बाद अंदरूनी कलह को लेकर एक बार फिर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भाजपा में जाने से साफ इंकार कर दिया। सिब्बल ने कहा कि हम सच्चे कांग्रेसी हैं। ऐसा उनके मरने के बाद ही हो सकता है। हो सकता है कि अगर कांग्रेस नेतृत्व मुझे जाने के लिए कहता है, तो मैं उस आधार पर पार्टी छोड़ने के बारे में सोच सकता हूं, लेकिन बीजेपी में शामिल नहीं होऊंगा।
भाजपा का दामन थामना ‘प्रसाद की राजनीति’
कांग्रेस पार्टी में संगठनात्मक स्तर पर आमूलचूल परिवर्तन की मांग को लेकर पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं के समूह में शामिल प्रमुख नेता कपिल सिब्बल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद पर निशाना साधते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उनका भाजपा का दामन थामना ‘प्रसाद की राजनीति’ है।
सिब्बल ने यह भी कहा कि अगर जीवन के किसी मोड़ पर कांग्रेस ने उन्हें पूरी तरह अनुपयोगी भी मान लिया, तो वह पार्टी छोड़ने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन कभी भाजपा में नहीं जाएंगे क्योंकि ऐसा उनकी लाश पर ही हो सकता है। उल्लेखनीय है कि जितिन प्रसाद भी सिब्बल के साथ उन 23 नेताओं के समूह में शामिल थे जिसने पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में सक्रिय नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी।
क्या जितिन प्रसाद को भाजपा से ‘प्रसाद’ मिलेगा?
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने कहा कि पत्र लिखने वाले नेताओं ने जो मुद्दे उठाए थे, अगर उन पर नेतृत्व की प्रतिक्रिया से अप्रसन्न होकर जितिन प्रसाद पार्टी से अलग होते तो यह उनका निजी मामला था, लेकिन वह भाजपा में क्यों गए? उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘भला ‘प्रसाद की राजनीति’ के अलावा उनके इस कदम का क्या ठोस आधार हो सकता है....हम देश भर में ऐसा होता देख रहे हैं।’’
‘समूह 23’ के नेताओं की ओर से सुझाए सुधारों पर अमल नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि यह पार्टी के शीर्ष नेताओं को फैसला करना है और फिलहाल वह इस पर कुछ टिप्पणी नहीं करेंगे। सिब्बल ने कहा, ‘‘जब तक हम कांग्रेस में हैं और कांग्रेस की विचारधारा को अपनाए हुए हैं तब तक हम 22 नेता (जी 23 के) और कई दूसरे भी कांग्रेस को मजबूत करने के लिए मुद्दे उठाते रहेंगे।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘अगर किसी मोड़ पर वे (नेतृत्व) मुझसे कहते हैं कि अब मेरी जरूरत नहीं है, तब मैं फैसला करूंगा कि मुझे क्या करना है। लेकिन कभी भाजपा में नहीं जाऊंगा...यह मेरी लाश पर ही होगा।’’ इससे पहले सिब्बल ने एक ट्वीट कर सवाल किया कि क्या जितिन प्रसाद को भाजपा से ‘प्रसाद’ मिलेगा?
(इनपुट एजेंसी)