"मुझे अपना भारत चाहिए न नया न पुराना, जहां...", नई संसद को लेकर एक बार फिर केंद्र और भाजपा पर हमलावर हुए सिब्बल
By मनाली रस्तोगी | Published: May 30, 2023 12:30 PM2023-05-30T12:30:09+5:302023-05-30T12:31:43+5:30
राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं। इसी क्रम में उन्होंने मंगलवार को नए संसद भवन को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा।
नई दिल्ली: राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं। इसी क्रम में उन्होंने मंगलवार को नए संसद भवन को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "सरकार और भाजपा कहती है कि नए भारत के लिए नई संसद। मैं कहता हूं मुझे अपना भारत चाहिए न नया न पुराना, जहां: धार्मिक अनुष्ठानों के बिना संसद हो, जहां कानून सभी को समान मानता हो।"
उन्होंने आगे लिखा, "जहां धार्मिक विश्वासों और व्यापार के लिए नागरिक नहीं मारे गए, यदि युवा प्रेम के लिए विवाह करते हैं, जहां बजरंग दल का कोई डर नहीं है, जहां एजेंसियों का राजनीतिकरण नहीं है और जहां मीडिया निष्पक्ष है।" बता दें कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पहली और दूसरी सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी।
The Government and the BJP say :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) May 30, 2023
A new Parliament for a new India
I say :
I want my India
Neither new nor old
Where :
1) Parliament without religious rituals
2)Law treats all equally
3)Citizens not killed for religious beliefs and trade
4)If young marry for love ; no fear…
समाजवादी पार्टी के समर्थन से सिब्बल राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य निर्वाचित हुए थे।
उन्होंने हाल में 'इंसाफ' नामक एक मंच शुरू किया है। उनके मुताबिक, इस मंच का उद्देश्य अन्याय से लड़ना है। इससे पहले सोमवार को सिब्बल ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी की टिप्पणी को लेकर सोमवार को उन पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि ईंटों और गोलों से नहीं बल्कि 1.4 अरब लोगों की सोच व आकांक्षाओं के साथ स्वतंत्रता का विचार "नए भारत" का निर्माण कर सकता है।
PM :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) May 29, 2023
New Parliament building….basis for creation of a new India
Not brick and mortar but freedom of thought with the aspirational underpinnings of 1.4b minds
Where ideas flourish
colours splash
Not :
Saffron
Fractious
Intolerant
Will make my new India !
सिब्बल ने उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, "ईंटों और गोलों से नहीं, बल्कि 1.4 अरब लोगों की सोच व आकांक्षाओं के साथ स्वतंत्रता का विचार मेरे नए भारत का निर्माण कर सकता है...जहां नए विचार पनपते हों और हर तरह के रंग बिखरते हों...न कि जो भगवा, खंडित और असहिष्णु हो।"