BJP के कपिल मिश्रा का AAP पर हमला, कहा- इमामों को सैलरी देने वाले सुंदरकांड पाठ करने पर मजबूर ही गए
By रामदीप मिश्रा | Published: February 19, 2020 11:33 AM2020-02-19T11:33:14+5:302020-02-19T11:33:14+5:30
सौरभ भारद्वाज भारद्वाज ने कहा था, 'मैं हिंदू हूं। अरविंद केजरीवाल हिंदू हैं। कोई भी इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकता। मुझे धार्मिक स्वतंत्रता है। यदि मैं सुंदरकांड करवा रहा हूं तो इससे मैं कम प्रगतिशील नहीं बन जाता। प्रगतिशील होने का मतलब नहीं है कि आप नास्तिक हैं।'
ग्रेटर कैलाश के आम आदमी पार्टी (आप) विधायक सौरभ भारद्वाज भगवान हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र में हर महीने के पहले मंगलवार को 'सुंदरकांड का पाठ' कराएंगे। उनके इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कपिल मिश्रा ने विवाद खड़ा कर देने वाला बयान दिया है।
बीजेपी के कपिल मिश्रा अक्सर अपने विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। उन्होंने बीते दिन मंगलवार को इशारों ही इशारों में आप पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'इमामों को सैलरी देने वाले सुंदर कांड पाठ करने पर मजबूर ही गए, जय जय श्री राम।'
दरअसल, सौरभ भारद्वाज भारद्वाज ने कहा था, 'मैं हिंदू हूं। अरविंद केजरीवाल हिंदू हैं। कोई भी इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकता। मुझे धार्मिक स्वतंत्रता है। यदि मैं सुंदरकांड करवा रहा हूं तो इससे मैं कम प्रगतिशील नहीं बन जाता। प्रगतिशील होने का मतलब नहीं है कि आप नास्तिक हैं। आज कोई चुनाव तो है नहीं, इसलिए इसे राजनीतिक चीज के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। विवाद तब खड़ा हुआ जब भाजपा ने मुख्यमंत्री के हनुमान मंदिर जाने पर सवाल उठाया जबकि मंदिर के पुरोहित ने कहा कि वह सालों से इस मंदिर में आते रहे हैं।'
उन्होंने कहा था, 'क्या भाजपा को इस बात से परेशानी हो रही है कि कोई और भी है जो हिंदू है। मेरा हिंदुत्व यह है कि मैं हिंदू हूं और मैं किसी भी उस अन्य व्यक्ति से घृणा नहीं करता जो अपने धर्म का पालन करता है। मैं मानता हूं कि मैं अच्छा हिंदू हूं। भगवान हनुमान और भगवान राम तय करें कि कौन श्रेष्ठ हिंदू है।'
बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा था कि भगवान हनुमान के प्रति उसका अनुराग कोई धार्मिक विश्वास का विषय नहीं है लेकिन यह एक राजनीतिक ड्रामा जान पड़ता है। अन्य बीजेपी प्रवक्ता अशोक गोयल देवराहा ने कहा था कि हम आशा करते हैं कि खास धार्मिक समुदाय के पक्ष में राजनीति करने वाली आम आदमी पार्टी अगले पांच सालों के दौरान समाज के सभी धार्मिक समुदायों के लिए काम करेगी।