गुवाहाटी: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा दायर मानहानि मामले में कामरूप की सीजेएम अदालत ने 29 सितंबर को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को तलब किया है। बता दें कि कुछ महीने पहले दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, आप नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि असम सरकार ने 2020 में कोविड -19 महामारी के दौरान बाजार दरों से ऊपर पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी की फर्मों और बेटे के बिजनेस पार्टनर को अनुबंध दिया था।
गौरतलब है कि जून माह के पहले सप्ताह में मनीष सिसोदिया ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर पीपीई किट को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। सिसौदिया ने 4 जून को मीडिया के सामने कहा था कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने साल 2020 में अपनी पत्नी और बेटे के बिजनेस पार्टनर की कंपनियों को पीपीई किट के लिए सरकार के आदेश दिए, जब वह तत्कालीन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे। भाजपा से सवाल पूछते हुए कहा कि एक निर्वाचित सीएम ने इस तरह की भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त है, क्या बीजेपी उन्हें सलाखों के पीछे रखेगी?
वहीं मनीष सिसोदिया के इस आरोप का जवाब असम के मुख्यमंत्री ने ट्विटर दिया। उन्होंने लिखा था, ऐसे समय में जब पूरा देश 100 से अधिक वर्षों में सबसे भीषण महामारी का सामना कर रहा था, असम के पास शायद ही कोई पीपीई किट हो, मेरी पत्नी ने आगे आने और जीवन बचाने के लिए सरकार को लगभग 1500 मुफ्त दान करने का साहस किया। उसने एक पैसा भी नहीं लिया।
सरमा ने आगे लिखा था, आपने (मनीष सिसोदिया) उस समय बिल्कुल अलग पक्ष दिखाया था। आपने दिल्ली में फंसे असम के लोगों की मदद के लिए मेरे कई कॉल्स को ठुकरा दिया। मैं एक उदाहरण कभी नहीं भूल सकता जब मुझे दिल्ली के मुर्दाघर से एक असमिया कोविड पीड़ित का शव लेने के लिए सिर्फ 7 दिन इंतजार करना पड़ा।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को लताड़ते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा, उपदेश देना बंद करो और मैं जल्द ही आपको गुवाहाटी में देखूंगा क्योंकि आप आपराधिक मानहानि का सामना करेंगे।