नई दिल्ली:मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने मंगलवार (10 मार्च) को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस्तीफा दे दिया। सोनिया गांधी को लिखे इस्तीफे पत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया का दर्द छलका है। यह पत्र कल यानी 9 मार्च का ही है। सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि वह 18 वर्षों से कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य रहे हैं, लेकिन अब राह अलग करने का वक्त आ गया है। इस्तीफे पत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोनिया गांधी पर सबकुछ जानकर भी फैसला ना लेने का आरोप लगया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा है- ''मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं और जैसा कि आपको अच्छी तरह पता है कि पिछले एक साल से यह मार्ग प्रशस्त किया गया है। आज भी मैं अपने राज्य और देश के लोगों की रक्षा करने के अपने लक्ष्य और उद्देश्य पर अडिग हूं।''
जवाब में कांग्रेस ने भी ज्योतिरादित्य को पार्टी से बेदखल कर दिया है। कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने कहा है, कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से निष्कासित करने को मंजूरी दे दी है।
सिंधिया के इस्तीफे के बाद बीजेपी में शामिल होना तय माना जा रहा है।
सिंधिया ने इस्तीफे का फैसला दिल्ली में आज सुबह गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद लिया। इस्तीफा देने से पहले सिंधिया दिल्ली में सुबह अपने आवास से निकलकर सीधे गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे और इसके बाद शाह के साथ ही वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास गए थे। पीएम के आवास पर सिंधिया की बैठक सुबह 10.45 बजे शुरू हुई। जिसके बाद उन्होंने ट्वीट कर इस्तीफे की जानकारी दी। सिंधिया के इस्तीफे के बाद बीजेपी में शामिल होना तय माना जा रहा है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सिंधिया पर लगाए लालच के आरोप
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने उनको राज्यसभा में MP बनने के लिए टिकट दी फिर भी उनको ये रास नहीं आता क्योंकि मोदी जी उनको कह दिए कि तुम्हें हम मंत्री पद देंगे। सिंधिया देख रहे हैं कि मंत्री पद इससे ज्यादा मुनाफे का होगा।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हम उनका सम्मान करते थे कि राजा का बेटा है हार्वर्ड वाले हैं। लेकिन लालच लोगों को कहां से कहां ले जाता है। कांग्रेस में वो जरूर राजा की हैसियत में विराजमान थे लेकिन बीजेपी में जा कर उन्हें जरूर प्रजा बनना पड़ेगा।
मध्य प्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके 27 समर्थक विधायकों के मोबाइल फोन बीती रात (9 मार्च) अचानक बंद होने के बाद बुलाई गई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद करीब 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति आस्था जताते हुए इस्तीफा सौंप दिया था।
सिंधिया समर्थित जिन मंत्रियों के मोबाइल फोन बंद हैं, उनमें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट, श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं।