सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत, जांच से हटे जस्टिस रमण, महिला ने उठाए थे सवाल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 25, 2019 05:14 PM2019-04-25T17:14:32+5:302019-04-25T17:14:32+5:30

शिकायतकर्ता महिला ने बुधवार को आंतरिक जांच कमेटी को लिखे लेटर में दावा किया था कि जस्टिस रमन सीजेआई के करीबी मित्र हैं और उनके परिवार के सदस्य की तरह हैं। ऐसे में महिला ने आशंका जताई कि शायद उनके हलफनामे और सबूतों की निष्पक्ष सुनवाई ना हो पाए।

Justice NV Ramana Exits Panel Probing Sexual Harassment Allegations Against CJI Ranjan Gogoi | सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत, जांच से हटे जस्टिस रमण, महिला ने उठाए थे सवाल

यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली आंतरिक कमेटी से जस्टिस एन वी रमण ने खुद को अलग कर लिया।

Highlightsसुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी ने सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ 19 अप्रैल को लगाए थे आरोप।जांच कमेटी का गठन कर दिया है। रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक की अगुआई में जांच होगी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली आंतरिक कमेटी से जस्टिस एन वी रमण ने गुरुवार को खुद को अलग कर लिया। दरअसल, इस मामले की शिकायतकर्ता महिला ने बुधवार को आंतरिक जांच कमेटी को लिखे लेटर में दावा किया था कि जस्टिस रमन सीजेआई के करीबी मित्र हैं और उनके परिवार के सदस्य की तरह हैं। ऐसे में महिला ने आशंका जताई कि शायद उनके हलफनामे और सबूतों की निष्पक्ष सुनवाई ना हो पाए।

सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी ने सीजेआई के खिलाफ 19 अप्रैल को लगाए आरोपों में कहा था कि सीजेआई ने पहले उनका सेक्सुअल हैरेसमेंट किया, फिर उन्हें नौकरी से बर्खास्त करवा दिया। इन आरोपों की जांच के लिए जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई में आतंरिक जांच कमेटी का गठन किया गया। जस्टिस बोबडे ने इस कमेटी में जस्टिस एनवी रमन और जस्टिस इंदिरा बनर्जी को शामिल किया था। 

आतंरिक जांच कमेटी ने शिकायताकर्ता महिला को नोटिस जारी किया था। इससे बाद महिला ने इस कमेटी को एक लेटर लिखा था। इस लेटर में महिला ने कहा था, ''बिना किसी वजह के और मेरी बात सुने बिना ही मेरे चरित्र को नुकसान पहुंचाया गया। कहा गया कि मेरे खिलाफ आपराधिक मामले हैं। ऐसी खबरें पढ़ने के बाद मैं भयभीत हो गई हूं और असहाय महसूस कर रही हूं।''

न्यायमूर्ति बोबडे की अध्यक्षता में मंगलवार को इस समिति का गठन किया गया था

न्यायमूर्ति बोबडे को भेजे पत्र में शिकायतकर्ता महिला ने इन आरोपों के बारे में उससे पूछताछ के लिए समिति में शीर्ष अदालत की एक ही महिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी के शामिल होने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह विशाखा प्रकरण के दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं है। महिला का कहना है कि विशाखा प्रकरण में शीर्ष अदालत के फैसले में प्रतिपादित दिशानिर्देशों के अनुासार कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिये गठित समिति में महिलाओं का बहुमत होना चाहिए।

एक अधिकारी के अनुसार इस शिकायतकर्ता ने समिति के समक्ष पेश होते वक्त अपने साथ एक वकील लाने और समिति की कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग का अनुरोध किया है, ताकि जांच में जो कुछ भी हुआ उसके बारे में किसी प्रकार का विवाद नहीं हो। अधिकारी ने बताया कि इस पत्र में महिला ने प्रधान न्यायाधीश द्वारा शनिवार को दिए गए बयानों पर भी चिंता व्यक्त की है, जब वह न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के साथ बैठे थे।

उच्चतम न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति बोबडे की अध्यक्षता में मंगलवार को इस समिति का गठन किया गया था और उन्होंने इसमे न्यायमूर्ति रमण और न्यायमूर्ति बनर्जी को शामिल किया था। न्यायमूर्ति बोबडे ने मंगलवार को कहा था, ‘‘मैंने न्यामयूर्ति रमण को समिति में शामिल करने का फैसला किया है, क्योंकि वह वरिष्ठता में मेरे बाद है और न्यायमूर्ति बनर्जी को महिला न्यायाधीश के रूप में शामिल किया है।

न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा था कि इस समिति को अपनी जांच पूरी करने के लिये कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गयी है और जांच के दौरान सामने आये तथ्यों के आधार पर ही अगला कदम तय होगा। यह कार्यवाही गोपनीय होगी। 

शिकायतकर्ता महिला ने की थी निष्पक्ष जांच की मांग

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने कमेटी से कहा कि 'मैं सिर्फ यह कह रही हूं कि सुनवाई के दौरान आप मेरे डर और आशंकाओं को ध्यान में रखें। मैंने काफी कुछ झेला है। मुझे पता है कि मेरे पास कोई पद या स्टेटस नहीं है। आपके सामने रखने के लिए मेरे पास सिर्फ सच है, मुझे न्याय तभी मिलेगा, जब मेरे मामले की निष्पक्ष सुनवाई होगी। महिला ने कहा है कि इस मामले की जांच विशाखा गाइडलाइन्स के साथ की जानी चाहिए। महिला ने अपने लेटर में वित्त मंत्री अरुण जेटली की टिप्पणी पर भी चिंता जताई। उन्होंने लिखा कि एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के ब्लॉग में भी मेरी आलोचना की गई, इन घटनाओं से मैं काफी डरी हुई हूं और तनाव महसूस कर रही हूं।

रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक करेंगे साजिश की जांच

साजिश के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जांच कमेटी का गठन कर दिया है। रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक की अगुआई में जांच होगी। जस्टिस पटनायक हलफनामे और सबूतों के आधार पर मामले की जांच करेंगे। जस्टिस पटनायक हलफनामे और सबूतों के आधार पर मामले की जांच करेंगे। सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस को जस्टिस पटनायक को जांच में सहयोग करने को कहा है।

Web Title: Justice NV Ramana Exits Panel Probing Sexual Harassment Allegations Against CJI Ranjan Gogoi

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