कर्नाटक: अयोग्य विधायकों से जुड़ी याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के जज ने खुद को अलग किया, 23 को अगली सुनवाई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 17, 2019 11:18 AM2019-09-17T11:18:38+5:302019-09-17T11:28:44+5:30
इसी साल जुलाई में कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य की कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी। उस समय तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
कर्नाटक विधानसभा से अयोग्य घोषित किये 17 विधायकों से जुड़े एक याचिका की सुनवाई कर रही बेंच में शामिल सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मोहन शांतानागौदार (Justice Mohan Shantanagoudar) ने खुद को इससे अलग कर लिया है। इस मामले की सुनवाई अब अगले हप्ते सोमवार (23 सितंबर) को होगी। इन विधायकों को दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित किया गया था। इसके बाद इन सभी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
Supreme Court judge, Justice Mohan Shantanagoudar, one of the judges on the bench hearing the Karnataka disqualified MLAs case, recuses himself from the matter. Next hearing on Monday (23rd September). pic.twitter.com/InChxTeOOW
— ANI (@ANI) September 17, 2019
गौरतलब है कि इसी साल जुलाई में कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य की कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी। लंबे चले सियासी ड्रामे के बावजूद कुमारस्वामी विश्वास मत के दौरान बहुमत साबित नहीं कर पाए थे। इसके बाद चलते उन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ा था और बीजेपी की राज्य में वापसी हुई।
इसी सियासी ड्रामे के बीच 17 विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अयोग्य किए गए 17 विधायकों में से 13 कांग्रेस से, तीन जेडीएस से और एक निर्दलीय था।
निर्दलीय विधायक कांग्रेस में शामिल हो गया था लेकिन बाद में उसने तत्कालीन कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। जुलाई में दोनों दलों ने इन विधायकों की शिकायत की थी। कांग्रेस और जेडीएस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने (विधायकों के इस्तीफे के जरिए) सरकार गिराने की योजना बनाई जो उसकी अपनी सरकार बनाने के ‘ऑपरेशन लोटस’ का हिस्सा था।